पटना, 30 जून 2025
केंद्र सरकार के विवादित वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। इसी के चलते रविवार को बिहार की राजधानी पटना में एक भव्य रैली आयोजित की गई। पटना के गांधी मैदान में आयोजित हुई इस रैली का आयोजन प्रमुख मुस्लिम सामाजिक-धार्मिक संगठनों में से एक इमारत शरिया ने किया ।’संविधान बचाओ, वक्फ बचाओ’ के नारे के साथ आयोजित इस रैली में हजारों की संख्या में धार्मिक विद्वान, समुदाय के नेता और कानूनी विशेषज्ञ शामिल हुए। बता दे कि पटना में आयोजित इस भव्य रैली का आयोजन बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में आयोजित विरोध प्रदर्शनों के बाद किया गया है।
इमारात शरिया के चेयरमैन मौलाना फैसल वली रहमानी ने रैली में घोषणा की कि वे वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ़ दृढ़ हैं और लोगों की आवाज़ उठाएंगे। यह कानून संविधान के कई अनुच्छेदों का उल्लंघन करता है। यह सुप्रीम कोर्ट के पिछले फ़ैसलों की अनदेखी करता है। इससे पूजा स्थलों को ध्वस्त करने या अतिक्रमण करने का रास्ता साफ हो जाएगा। रहमानी ने कहा कि यह धर्मनिरपेक्षता की भावना और धार्मिक स्वतंत्रता की संवैधानिक गारंटी पर हमला है। केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ दायर 300 से अधिक शिकायतों को खारिज कर दिया है। यह भेदभावपूर्ण और तर्कहीन कानून को खारिज कर देगा जो न्याय और समानता के सिद्धांतों से ऊपर वैचारिक एजेंडे को रखता है। मौलाना फैसल वली रहमानी ने कहा कि विवादास्पद कानून के बड़े परिणाम होंगे। अगर भविष्य में अशोक स्तंभों या प्राचीन स्मारकों में धार्मिक प्रतीकों या इतिहास के पुरातात्विक साक्ष्य मांगे जाते हैं, तो उन्हें किस मापदंड से संरक्षित किया जा सकता है? यह भारत में मुसलमानों से जुड़े ऐतिहासिक योगदान और धार्मिक विरासत को मिटाने की कोशिश है। जनता के प्रतिरोध में नीतियों को आकार देने की शक्ति होती है। संशोधित वक्फ अधिनियम को पूरी तरह से वापस लेने की मांग की जा रही है। रहमानी ने कहा कि इसके लिए शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीकों से दबाव बनाया जाएगा।
राष्ट्रीय जनता दल के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक रैली में घोषणा की कि बिहार में एनडीए सरकार विवादास्पद कानून को लागू करने की कोशिश कर रही है और अगर महागठबंधन सत्ता में आती है तो वह इस कानून को निरस्त कर देगी। सांसद राजीव रंजन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह समझ लेना चाहिए कि देश में नफरत के लिए कोई जगह नहीं है और यहां सिर्फ प्यार ही जीत सकता है। रंजन यादव ने कहा कि एक हाथ में गीता और कुरान और दूसरे हाथ में तिरंगा झंडा और संविधान लेकर ही हम हिंदुस्तान की आत्मा की रक्षा और उसे कायम रख सकते हैं। अप्रैल में भारतीय संसद द्वारा पारित विवादास्पद वक्फ संशोधन अधिनियम ने देश में व्यापक विरोध को जन्म दिया है। मुस्लिम संगठन, कानूनी विशेषज्ञ और अल्पसंख्यक अधिकार कार्यकर्ता सार्वजनिक रूप से इसकी आलोचना करने के लिए सामने आए हैं। सुप्रीम कोर्ट वक्फ संशोधन अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार कर रहा है।