
नई दिल्ली, 5 जून 2025
आप नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण में कथित भ्रष्टाचार को लेकर एंटी-करप्शन ब्रांच (एसीबी) ने दोनों नेताओं को समन जारी किया है। एंटी-करप्शन ब्रांच (ACB) ने सत्येंद्र जैन को 6 जून को कार्यालय में बुलाया गया था और मनीष सिसोदिया को 9 जून को पेश होने के लिए कहा गया था।
एसीबी ने पिछली आप सरकार के कार्यकाल के दौरान सरकारी स्कूलों में 12,748 कक्षाओं या अर्ध-स्थायी संरचनाओं के निर्माण में 2,000 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार को लेकर मंगलवार को समन जारी किया था।
बता दे कि इस मामले में आप के दोनों नेताओं के खिलाफ 30 अप्रैल को एसीबी ने एफआईआर दर्ज की थी। सत्येंद्र जैन अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री थे, जिसने निर्माण कार्य कराया था, और वहीं मनीष सिसोदिया सरकार में शिक्षा मंत्री थे।
एंटी-करप्शन ब्रांच (ACB) ने आरोप लगाया है कि इस घोटाले में अत्यधिक बढ़ी हुई दरों पर ठेके दिए गए, जिसके तहत सरकारी स्कूलों में प्रत्येक कक्षा का निर्माण 24.86 लाख रुपये की लागत से किया गया, जो सामान्य लागत से लगभग पांच गुना अधिक है। यह भी आरोप लगाया गया है कि परियोजना 34 ठेकेदारों को दी गई थी और उनमें से अधिकांश आप से जुड़े थे।
एसीबी ने आरोप लगाया है कि निर्माण में अर्ध-स्थायी संरचनाएं (एसपीएस) शामिल थीं, जिनकी अपेक्षित जीवन अवधि 30 वर्ष थी, फिर भी लागत प्रबलित सीमेंट कंक्रीट (आरसीसी) संरचनाओं के बराबर थी, जो आमतौर पर 75 वर्षों तक चलती हैं।
एसीबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नई निविदाएं लाए बिना ही परियोजना की लागत 326 करोड़ रुपये बढ़ा दी गई। भ्रष्टाचार विरोधी संस्था ने कहा कि “महत्वपूर्ण विचलन और लागत में वृद्धि” देखी गई, लेकिन “निर्धारित अवधि के भीतर एक भी काम पूरा नहीं हुआ”।
दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने 2022 में कथित घोटाले की जांच की सिफारिश की और मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंपी। इस साल मार्च में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी दे दी थी। वहीं इस मामले में आप ने इस कदम को राजनीतिक से प्रेरित बताया है और कहा कि सत्ताधारी सरकार आप नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें डराने और धमकाने का काम कर रही है।






