
लखनऊ, 24 मई 2025:
उत्तर प्रदेश में सालों से तबादलों की आस लगाए बैठे शिक्षकों के अरमान पूरे होने का वक्त आ गया है। कैबिनेट बैठक में मंजूरी के बाद विभाग ने ट्रांसफर पॉलिसी के आदेश जारी कर दिए हैं। इसके तहत डीएम की अध्यक्षता में कमेटी जिले के भीतर समायोजन व ट्रांसफर के निर्णय लेगी वहीं एक से दूसरे जिले को जाने में सेवा अवधि की बाध्यता खत्म होने से राहत मिलेगी।
विशेष सचिव ने जारी किया आदेश, जिले में डीएम की अगुवाई वाली कमेटी लेगी निर्णय
बता दें कि यूपी में वर्ष 2016 में परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के जिले के अंदर तबादले किए गए थे। इसके बाद शिक्षक सामान्य तबादलों की मांग कर रहे हैं। वर्ष 2023 में एक से दूसरे जिले में सामान्य तबादले तो किए गए लेकिन जिले के अंदर नहीं हुए। अब नई ट्रांसफर पॉलिसी को मंजूरी मिलने के बाद जिले के भीतर और दूसरे जिलों के लिए तबादले भी हो सकेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अवधेश कुमार तिवारी ने इस सम्बंध में आदेश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि जिले के अंदर तबादला व समायोजन के लिए डीएम की अध्यक्षता में चार सदस्यों की कमेटी होगी। तबादले ग्रामीण सेवा संवर्ग से ग्रामीण सेवा संवर्ग व नगर क्षेत्र से नगर क्षेत्र में किए जाएंगे।
अधिक शिक्षक की तैनाती से आवश्यकता वाले स्कूल में होगा ट्रांसफर
शिक्षकों की जरूरत के अनुसार तबादला व समायोजन नहीं किया जाएगा बल्कि अधिक शिक्षक की तैनाती वाले स्कूल से आवश्यकता वाले विद्यालय में तबादला किया जाएगा। अधिक शिक्षकों वाले व शिक्षकों की जरूरत वाले विद्यालयों, यहां रिक्तियों की सूचना पोर्टल पर ऑनलाइन की जाएगी। शिक्षक से दस विद्यालयों का विकल्प लिया जाएगा। ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन ही पूरा माना जाएगा। तबादले की प्रक्रिया बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी की गई समय सारिणी के अनुसार ऑनलाइन की जाएगी।
सेवा अवधि की बाध्यता खत्म होगी, शिक्षक-छात्र अनुपात पर होगा एक से दूसरे जिले में तबादला
एक से दूसरे जिले में सामान्य तबादले के लिए सेवा अवधि की कोई बाध्यता नहीं होगी। वहीं छात्र-शिक्षक अनुपात के अनुसार शिक्षकों की आवश्यकता वाले व अधिक शिक्षक वाले जिलों को चिह्नित कर सूची ऑनलाइन की जाएगी। ज्यादा शिक्षक वाले जिलों से कम शिक्षक वाले जिलों में ऑनलाइन विकल्प लेकर तबादला किया जाएगा। तबादले के लिए नियमित शिक्षक ही योग्य होंगे।