
लखनऊ, 11 अप्रैल 2025:
चार साल पहले हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई के दौरान जज से की गई अभद्रता के मामले में अब फैसला आया है। न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने इस आदेश में अधिवक्ता अशोक पांडेय को छह माह की सजा सुनाई है और दो हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आरोप का जवाब दाखिल न होने पर दी गई सजा, सरेंडर के लिए चार हफ्ते का समय भी दिया
कोर्ट ने वकील को आत्मसमर्पण के लिए चार सप्ताह का समय भी दिया गया है। अपने आदेश में वकील के पूर्व में किए गए आपत्ति भरे व्यवहार का भी उल्लेख किया है। वकील की प्रैक्टिस पर तीन साल की रोक भी लगेगी। इसके लिए कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें पूछा गया है कि क्यों न आपको तीन साल तक हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने से रोक दिया जाए। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि वकील अशोक पांडेय ने आज तक अपने ऊपर लगे आरोपों का कोई जवाब दाखिल नहीं किया है। इसलिए उन्हें दोषी मानते हुए सजा सुनाई गई है।
सुनवाई के दौरान शर्ट के बटन को लेकर शुरू हुआ था विवाद
दरअसल ये मामला 18 अगस्त 2021 का है। जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस बृजराज सिंह की खंडपीठ के सामने एक जनहित याचिका की सुनवाई चल रही थी। वकील अशोक पांडेय बिना यूनिफॉर्म के कोर्ट में आए थे। जब न्यायाधीशों ने उन्हें शर्ट की बटन बंद करने को कहा, तो वह भड़क गए। उन्हें जब कोर्ट से बाहर जाने को कहा गया तो वकील अशोक पांडे ने भी न्यायाधीशों को गुंडों जैसा व्यवहार करने का आरोप लगा दिया था।






