अनमोल शर्मा
मेरठ, 6 मई 2025:
यूपी के मेरठ जिले की एक मुस्लिम युवती को पहलगाम घटना के बाद मुल्क वापसी का सरकारी शिकंजा कसने पर अपने दो बच्चों को उनके पाकिस्तानी पिता को सौंपना पड़ा। तीन व एक साल के बच्चों को सौंप कर मां सना बिलख पड़ी।
2020 में कराची के डॉ. बिलाल से हुआ था निकाह, सना वीजा लेकर बच्चों संग आई थी भारत
मेरठ के सरधना थाना क्षेत्र के घोसियान इलाके में रहने वाली सना का निकाह वर्ष 2020 में पाकिस्तान के कराची निवासी डॉ. बिलाल से हुआ था। सना भारतीय नागरिक हैं और उनके पास भारतीय पासपोर्ट है, जबकि उनके दोनों बच्चों के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट हैं। हाल ही में सना अपने दोनों बच्चों को लेकर 45 दिन के वीजा पर भारत आई थीं। इसी दौरान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया।
अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तानी अफसरों ने सिर्फ बच्चों को प्रवेश की अनुमति दी
नतीजतन, भारत सरकार ने वीजा पर भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का निर्देश दे दिया। मजबूरी में सना 25 अप्रैल को अपने बच्चों को लेकर अटारी बॉर्डर पहुंचीं, ताकि उन्हें उनके पिता के साथ पाकिस्तान भेज सकें। लेकिन उस समय पाकिस्तानी अधिकारियों ने सिर्फ बच्चों को ही प्रवेश की अनुमति दी, जबकि भारतीय पासपोर्ट होने के कारण सना को पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं मिली। मजबूरी में सना अपने बच्चों को लेकर वापस मेरठ लौट आईं।
दिल पर पत्थर रखकर पाकिस्तानी पति को सौंपे बच्चे, सेना से कहा- बच्चों को मां की जरूरत
हालांकि सरकार के कड़े रुख और वीजा अवधि समाप्त होने के दबाव के कारण सना को 6 मई को फिर से अटारी बॉर्डर जाना पड़ा। इस बार उन्होंने अपने दिल पर पत्थर रखकर दोनों मासूम बच्चों को उनके पिता डॉ. बिलाल के हवाले कर दिया। जैसे ही बच्चों को उनके पिता ने लिया, सना अपने जज्बातों पर काबू नहीं रख सकीं और सीमा पर ही फूट-फूटकर रोने लगीं। सना ने पाकिस्तानी अधिकारियों से अपील की थी कि बच्चों की उम्र बहुत कम है और उन्हें मां की जरूरत है, लेकिन मानवीय आधार पर भी कोई राहत नहीं मिली।