महाकुंभ नगर, 4 फरवरी 2025:
यूपी के प्रयागराज में संगम की रेती पर बसे अखाड़े अपना आखिरी अमृत स्नान वसंत पंचमी को कर चुके हैं। अब इन अखाड़ों का अगला ठिकाना शिव की नगरी काशी में होगा। काशी में अखाड़ों के डेरा होली आने तक पड़ा रहेगा। फिलहाल यात्रा की तैयारियां शुरू हो गईं हैं।
प्रयाग में वसंत पंचमी पर किया आखिरी अमृत स्नान
प्रयागराज में हर 12 साल पर होने वाले कुंभ इस बार महाकुंभ (13 जनवरी से 26 फरवरी) के साकार रूप में दिख रहा है। इस संयोग का उत्सव साधु संतों के साथ आम श्रद्धालुओं ने भी मनाया। श्रद्धालु तो पुण्य की डुबकी लगाकर घर लौट जाते हैं लेकिन यहां डेरा डालने वाले अखाड़ों के लिए महाकुंभ उनकी अगाध आस्था व तपस्या की शुरुआत है। दरअसल महाकुंभ में वसंत पंचमी पर अखाड़ों ने अपने प्रयाग प्रवास का आखिरी अमृत स्नान कर लिया है। अब उनका दूसरा प्रवास काशी में होगा।
काशी में होली तक रहेगा नागा साधुओं का डेरा
वसंत पंचमी पर प्रकृति अपने नए रंग रूप के लिए आगे की यात्रा शुरू करती है वैसे ही अखाड़े भी अपनी आस्था व तपस्या के नए पड़ाव के लिए तैयार हो जाते हैं। अब खासकर शैव परम्परा वाले अखाडों ने काशी के लिए अपनी यात्रा की तैयारी शुरू कर दी है। काशी में गंगा तट के घाटों मठ मंदिरों में हर तरफ नागा साधु सन्यासी होली पर्व तक अपना डेरा डाले रहेंगे। भगवान शिव के अनन्य भक्त नागा साधु गंगा तट से लेकर बाबा विश्वनाथ के मंदिर तक छाए रहते हैं। यहां भी जल्द ही एक तम्बुओं की नगरी आकार ले लेगी।
काशी में ही हैं अखाड़ों के मुख्यालय
बता दें कि नागा साधुओं के अखाड़ों में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े सहित चार प्रमुख शैव सन्यासी अखाड़ों का मुख्यालय काशी में ही है। इनमें हनुमान घाट पर श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा, दशाश्वमेध घाट पर श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा, हनुमान चैक कपिलधारा में श्री पंच अटल अखाड़ा, शिवाला घाट पर महानिरंजनी अखाड़ा के मुख्यालय हैं।
