प्रयागराज,3 अप्रैल 2025
प्रयागराज में हुई बुलडोजर कार्रवाई के दौरान सात साल की अनन्या यादव का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वह अपनी झोपड़ी से स्कूल बैग लेकर भागती नजर आई। यह वीडियो कई लोगों का दिल पिघला गया और सुप्रीम कोर्ट तक इससे प्रभावित हुआ। कोर्ट ने मंगलवार को अपने आदेश में इस घटना का जिक्र करते हुए बुलडोजर कार्रवाई की आलोचना की। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी की सराहना करते हुए यूपी सरकार पर निशाना साधा।
यह घटना 21 मार्च को प्रयागराज के लूकरगंज इलाके में हुई, जब जिला प्रशासन ने सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण हटाने के लिए कार्रवाई की। अंबेडकरनगर की रहने वाली अनन्या अपने परिवार की पहली सदस्य है जो स्कूल जाती है। वह एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 1 की छात्रा है और आईएएस अफसर बनने का सपना देखती है। बुलडोजर कार्रवाई के दौरान उसने देखा कि बगल की एक झोपड़ी में आग लगी है। बिना समय गंवाए वह अपनी झोपड़ी में घुसी, स्कूल बैग उठाया और बाहर भाग गई। अनन्या के माता-पिता दिहाड़ी मजदूर हैं और पढ़े-लिखे नहीं हैं। उसने बताया कि स्कूल में कोई फीस नहीं लगती, इसलिए वह और उसका छोटा भाई आदर्श पढ़ाई कर पा रहे हैं।
अनन्या को IAS बनने की प्रेरणा एक अधिकारी से मिली, जो एक बार उसके स्कूल आए थे। हालांकि, उसे उनका नाम याद नहीं, लेकिन शिक्षकों ने बताया कि वे एक IAS अधिकारी थे। तब से वह भी प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना देखने लगी।
बुलडोजर कार्रवाई के दौरान प्रशासनिक टीम में एसडीएम जलालपुर, एसएचओ, तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक शामिल थे। जलालपुर के लेखपाल घनश्याम वर्मा के अनुसार, राम मिलन को पिछले साल नवंबर और इस साल फरवरी में नोटिस दिया गया था, लेकिन उन्होंने जमीन खाली नहीं की। घनश्याम वर्मा ने अपनी एफआईआर में आरोप लगाया कि जब प्रशासन की टीम निर्माण गिराने पहुंची तो राम मिलन के बेटे अखिलेश यादव, जो नशे की हालत में थे, ने महिलाओं को सरकारी कार्रवाई रोकने के लिए उकसाया और बगल की झोंपड़ी में आग लगा दी।
एसएचओ जलालपुर एसके सिंह ने बताया कि घनश्याम वर्मा की शिकायत पर राम मिलन और अखिलेश यादव के खिलाफ बीएनएस की धारा 329 (3) (आपराधिक अतिचार), 325 (जानबूझकर अपराध करना), और 121 (1) (लोक सेवक को चोट पहुंचाना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। एसडीएम पवन जायसवाल ने बताया कि राम मिलन को पहले ही जमीन खाली करने का नोटिस दिया गया था, लेकिन जब टीम अतिक्रमण हटाने गई तो परिवार ने विरोध किया। कार्रवाई के दौरान एक गैर-आवासीय ढांचे को गिराया गया था।
बुलडोजर कार्रवाई और अनन्या का वीडियो अब चर्चा का विषय बन चुका है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस घटना का जिक्र किए जाने के बाद मामला और गरमा गया है, जबकि राजनीतिक दल भी इस पर बयानबाजी कर रहे हैं।