
मस्कट, 24 जून 2025: खाड़ी देश ओमान ने अपनी अर्थव्यवस्था को सशक्त और विविधतापूर्ण बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। देश ने ‘ओमान विजन 2040’ के तहत 1 जनवरी 2028 से पर्सनल इनकम टैक्स (व्यक्तिगत आयकर) लागू करने की घोषणा की है। खास बात यह है कि यह टैक्स केवल उच्च आय वर्ग यानी सिर्फ 1% आबादी पर लागू होगा।
इस नए टैक्स ढांचे के तहत सालाना 42,000 ओमानी रियाल (लगभग 94 लाख रुपये) से अधिक कमाने वाले नागरिकों को 5% की दर से टैक्स देना होगा। ओमान के इतिहास में यह पहला मौका है जब वहां के नागरिकों पर व्यक्तिगत आयकर लगाया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे तेल पर निर्भरता कम होगी और गैर-तेल राजस्व बढ़ेगा।
ओमान की टैक्स परियोजना की निदेशक करीमा मुबारक अल सादी ने बताया कि देश में पहले से ही कानूनी ढांचा, प्रशिक्षण और आवश्यक प्रणाली तैयार है। टैक्स कानून में कुल 76 अनुच्छेद हैं जो कर योग्य आय, सामाजिक छूट और आवश्यक खर्चों की परिभाषा देते हैं। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और धार्मिक दान पर छूट दी जाएगी ताकि मध्यम और निम्न आय वर्ग प्रभावित न हो।
ओमान की इस नीति से न केवल घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि वैश्विक निवेशकों के लिए भी यह देश आकर्षक गंतव्य बन जाएगा। सरकार आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक टैक्स प्रणाली तैयार कर रही है, जिससे आय की सटीक जानकारी और बेहतर अनुपालन संभव हो सकेगा।
भारत की बात करें तो ओमान उससे भी जमकर कमाई कर रहा है। साल 2025 की पहली तिमाही में भारत से 172 मिलियन रियाल का आयात हुआ है। भारत, ओमान का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। करीब 6.2 लाख भारतीय वहां रहते हैं और कई क्षेत्रों में निवेश कर चुके हैं। दोनों देशों के बीच 2024-25 में व्यापार 10.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
ओमान का यह कदम आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में बड़ा और दूरदर्शी साबित हो सकता है।






