लखनऊ, 20 जुलाई 2025:
यूपी में धर्मांतरण गिरोह के मास्टरमाइंड छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद लगातार धरपकड़ कर रही एटीएस को उसका नेटवर्क तोड़ने में एक और सफलता मिली है। एटीएस ने बलरामपुर कोर्ट में तैनात एक बाबू को लखनऊ चिनहट क्षेत्र में धर दबोचा। पकड़ा गया बाबू राजेश उपाध्याय खुद करोडों का मालिक है तो उसकी पत्नी के नाम पुणे में 16 करोड़ की जमीन दर्ज मिली है। राजेश छांगुर के विरोधियों पर एफआईआर दर्ज कराने व अन्य मदद देने का काम करता था।
मूल रूप से वाराणसी का रहने वाला राजेश उपाध्याय बलरामपुर में एक किराए का मकान लेकर रहता था। यहीं से वो कोर्ट में लिपिक की नौकरी कर रहा था। धर्मांतरण गिरोह चलाने वाले मास्टरमाइंड छांगुर बाबा के अवैध लेन-देन और संपत्ति की जांच कर रही एटीएस और ईडी को पुणे में 16 करोड़ की जमीन का पता लगा था। इसमें पहले राजेश की पत्नी संगीता उपाध्याय का नाम सामने आया। इसके बाद एटीएस और ईडी ने राजेश के बैंक खाते खंगाले तो छांगुर बाबा के गिरोह से आए करीब 8 लाख रुपए के लेन-देन के पुख्ता सबूत मिले। ईडी ने कुछ समय पहले लखनऊ स्थित राजेश उपाध्याय की संपत्तियों पर छापेमारी की थी। बलरामपुर में दो जमीनों के एग्रीमेंट में भी राजेश की पत्नी संगीता का भी नाम सामने आया है।
लगातार धरपकड़ कर रही एटीएस ने राजेश पर नजरें गड़ा दीं। इस दौरान पता चला कि लखनऊ में आलीशान कोठी खड़ी कर रखी है और खुद चिनहट में रह रहा है। एटीएस के सक्रिय होने पर एक माह से उसने सबसे मिलना-जुलना बंद कर रखा था। कोर्ट ने दो बार उसका पटल भी बदल दिया था। एटीएस ने उसे चोरी छिपे चिनहट में रहने के दौरान ही उसे दबोच लिया और पूछताछ कर जेल भेज दिया। इस दौरान पता चला कि बलरामपुर कोर्ट में लिपिक रहे राजेश की मदद से छांगुर गैंग ने अपने कई विरोधियों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर मुकदमे दर्ज कराए। राजेश छांगुर बाबा का छठा सहयोगी है, जिसे गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ राजद्रोह, धोखाधड़ी, वर्गों के बीच नफरत फैलाने और धर्म परिवर्तन कानून की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।