Uttar Pradesh

हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास का बड़ा आरोप… संभल हिंसा के पीछे अखिलेश यादव का हाथ, राजनीतिक फंडिंग भी की

अनिता चौधरी

नई दिल्ली, 4 दिसंबर :

संसद के शीतकालीन सत्र को शुरू हुए हफ्ता हो गया लेकिन संभल पर गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को भी सदन में हंगामा चला लेकिन अच्छी बात ये थी कि लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने विपक्ष को अपनी बात रखने की खूब छूट दी। हालांकि, राज्यसभा और लोकसभा की मंगलवार की कार्यवाही स्‍थगित कर दी गई लेकिन दोनों सदनों में तय नियमों के मुताबिक पूरे दिन की कार्यवाही चेयर की अनुमति के साथ चली।
सपा मुखिया अखिलेश यादव को लोकसभा स्पीकर ने अपना गुबार निकालने का खूब मौका दिया। अखिलेश यादव ने लोकसभा में संभल हिंसा का मुद्दा उठाया। योगी सरकार पर निशान साधते हुए कहा कि ये सुनियोजित साजिश थी। संभल सद्भाव के लिए जाना जाता है। अगर खोदोगे तो देश का सौहार्द खो दोगे। देश की तहजीब खो जाएगी। उन्होंने कहा कि संभल में भाईचारे को गोली मारी गई है ।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में अखिलेश यादव को 9 में से महज 2 सीटों से संतोष करना पड़ा था। उन्होंने संभल हिंसा का पूरा ठीकरा चुनाव पर फोड़ा। कहा कि चुनाव था, इसलिए संभल हिंसा की साजिश रची गई। इधर, संभल के विधायक इकबाल मसूद ने भी हिंसा में मारे गए पत्थरबाजों को शहीद का दर्जा देने की मांग की है।
हालांकि, केंद्र और बीजेपी ने संभल पर लोकसभा में अखिलेश यादव और राज्यसभा में रामगोपाल यादव द्वारा लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। बीजेपी का कहना है कि संभल में जो हिंसा हुई वह वहां के स्थानीय सपा सांसद की साजिश थी जिसके साक्ष्य सामने आ चुके हैं। सपा नेताओं द्वारा वहां भड़काऊ भाषण दिए गए, भीड़ जमा की गई। अखिलेश यादव के इशारे पर सब कुछ वहां सुनियोजित तरीके से कराया गया और राज्य सरकार हिंसा के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय का भी यही आदेश है कि निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को बख्शा नहीं जाए।

धर्म परिवर्तन कर चुके हैं अखिलेश यादव : राजूदास

संभल में हुई हिंसा और मौजूद राजनीति पर विपक्ष के रवैये को अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास ने हमसे विशेष बातचीत में अखिलेश यादव पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि मैं डंके की चोट पर कह सकता हूँ कि अखिलेश यादव भले नाम हिन्दू का रखें हुए हों मगर वो अपना धर्म परिवर्तन कर चुके हैं। वो इस्लाम स्वीकार कर चुके हैं। महंत राजूदास ने ये भी कहा कि इतिहास गवाह है कि अखिलेश यादव और सपाइयों का हाथ हमेशा खूनी आतंकियों के साथ रहा है। अखिलेश यादव आतंकियों को छोड़ने का काम पहले भी कर चुके हैं। सपा हमेशा से आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम करती रही है।

विशेष बातचीत में महंत राजूदास ने कहा है कि संभल हिंसा के पीछे अखिलेश यादव का हाथ है। सपा की तरफ से इसके लिए राजनीतिक फंडिंग भी हुई है। उन्होंने कहा कि वो अखिलेश यादव से पूछना चाहते हैं कि संभल में सर्वे के लिए कोर्ट के आदेश के साथ प्रशासन के लोग और कोर्ट द्वारा गठित कमीशन गया था, इसमें सरकार और साजिश कहां से आ गई? वो सर्वे होने देते दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता। उन्हें किस बात का डर सता रहा है। जो लोग सर्वे के लिए गए थे उनके खिलाफ इस्लामिक कट्टरवाद को वहां बढ़ावा दिया गया। सर्वे टीम और वकीलों की हत्या के इरादे से वहां हिंसा फैलाई गई। लोगों के मन में ये डाला गया कि तुम लोग आगे बढ़ो और हमला करो वरना तुम्हारी मस्जिद चली जाएगी। वहां, प्रायोजित दंगा करवाया गया और इस दंगे के पीछे सिर्फ अखिलेश यादव का हाथ है। इसके लिए अखिलेश यादव ने राजनीतिक फंडिंग भी की है।

अखिलेश यादव पर कार्रवाई की पीएम, सीएम व सुप्रीम कोर्ट से मांग

अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास ने प्रधानमयंत्री मोदी, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि अखिलेश यादव को भी जांच के दायरे में लाया जाए और उचित कार्रवाई की जाए क्योंकि कट्टरवादियों का साथ देना देश हित में नहीं है। गौरतलब है कि संभल हिंसा को लेकर जहां देश की राजनीति कुछ दिनों से सड़क पर गर्म रही वहीं इस मामले को लेकर संसद में भी तपिश कुछ कम नहीं रही। मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति और इस्लामिक कट्टरवाद पर महंत राजूदास का कहना है कि भारत में कट्टरवाद है क्योंकि यहां के मुस्लिम समुदाय के लोगों को पता है कि वो कोई भी हिंसा करेंगे उनको बचाने के लिए देश का कानून और प्रशासन है। उनका कोई भी बाल बांका नहीं कर सकता है। अगर उनको जरा भी चोट आएगी, यहां तक कि वो हिंसा, दंगा और अपराध भी करते है तो इस देश में कुछ ऐसी राजनीतिक पार्टियां हैं जो उन्हे बचाने का काम करेगी । इसीलिए वो हिंसा फैलते हैं और खुद को बचाने के लिए पुलिस थाने की दौड़ लगाते हैं।

संसद में बदल गया अखिलेश के पीछे की सीट का नजारा

उल्लेखनीय हैं कि मंगलवार को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को लेकर लोकसभा में जमकर बवाल काटा। अखिलेश यादव संभल हिंसा पर बोलने के लिए मंगलवार को पूरी तैयारी के साथ आए थे। उन्होंने अपने वोट बैंक को भी साधने की पूरी तैयारी कर रखी थी। मंगलवार को सदन में एक आश्चर्यजनक दृश्य भी देखने को मिला। दरअसल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने जैसे ही संभल हिंसा पर अखिलेश को बोलने की अनुमति दी, अचानक ही अखिलेश यादव के पीछे की सीट का नजारा बदल गया। अखिलेश यादव के पीछे पहले फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद और आजमगढ़ के सपा सांसद धर्मेंद्र यादव बैठे थे, लेकिन उनका भाषण शुरू होते ही संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्फ अचानक से अखिलेश के पीछे वाली सीट पर आकर बैठ गए।

सपा सांसद व विधायक के बेटे के खिलाफ दर्ज है केस

यहां ये बताना जरूरी है कि संभल हिंसा को लेकर यूपी पुलिस ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है। इन दोनों पर भीड़ को भड़काने का आरोप है। जियाउर्रहमान बर्क अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र संघ का चुनाव भी जीत चुके हैं। जियाउर्रहमान बर्क उस वक्त भी चर्चाओं में आए थे, जब उन्होंने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में इस्लामिक पढ़ाई के साथ-साथ वैदिक पढ़ाई की मांग कि गई थी तब उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा था कि बीएचयू में भी इस्लामिक अध्ययन शुरू कराया जाए।

अखिलेश ने संभल के सर्किल ऑफिसर पर लगाए ये गंभीर आरोप

संभल में सर्वे को लेकर अखिलेश यादव का कहना है कि हिंसा के माध्यम से वहां के भाईचारे को गोली मारने का काम हुआ है। बार-बार खुदाई की बात हो रही है। इस खुदाई से भाईचारा और गंगा-जमुनी तहजीब देश खो देगा। सर्किल ऑफिसर ने वहां के लोगों के साथ गाली गलौज किया और बाद में गोली भी चलाई। इस गोलीबारी में 5 मासूमों को मौत हो गई। पुलिस प्रशासन पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए ।
आपको बता दें कि बीते एक सप्ताह से संसद का शीतकालीन सत्र विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ रहा था लेकिन मंगलवार को सत्र की शुरूआत शांति के साथ हुई। दरअसल, अध्यक्ष ओम बिड़ला ने चर्चा को लेकर सरकार और विपक्ष को सहमति दे दी थी और सर्वदलीय बैठक में संसद में टकराव को समाप्त करने पर दोनों पक्षों ने हामी भरी थी।

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