
पहलगाम, 5 मई 2025:
पहलगाम आतंकी हमले की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, इस हमले में शामिल आतंकियों को पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) कमांडोज जैसी कठोर और रणनीतिक ट्रेनिंग दी गई थी। जम्मू-कश्मीर की जेलों में बंद लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों से पूछताछ के बाद इस बात की पुष्टि हुई है। इन आतंकियों को विशेष रूप से भारतीय सुरक्षाबलों को अधिकतम क्षति पहुंचाने के मकसद से प्रशिक्षित किया गया था।
एनआईए ने पहलगाम हमले की जांच शुरू कर दी है। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में हथियारों से लैस आतंकियों ने निहत्थे टूरिस्टों को निशाना बनाया था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। इनमें से ज्यादातर पर्यटक थे। हमले के बाद भारतीय एजेंसियों ने आतंकियों की कमांडो जैसी ट्रेनिंग पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है।
सूत्रों के मुताबिक, लगभग 15-20 ऐसे आतंकी कमांडर कश्मीर घाटी में सक्रिय हैं जो विदेशी आतंकवादियों के छोटे-छोटे समूहों का नेतृत्व कर रहे हैं। यह भी सामने आया है कि ISI इन हमलों के पीछे है और उनका मकसद भारतीय सुरक्षा व्यवस्था को अस्थिर करना है। इससे पहले गांदरबल और बूटा पथरी जैसे इलाकों में हुए हमलों में भी SSG कमांडोज की भूमिका पाई गई थी।
हमले के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवाद समर्थकों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। पिछले कुछ दिनों में 100 से अधिक संदिग्धों पर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत कार्रवाई की गई है। पुलवामा, कुपवाड़ा और हंदवाड़ा जैसे इलाकों में विशेष रूप से यह अभियान तेज किया गया है।
एनआईए अब ओवर ग्राउंड वर्कर्स से पूछताछ कर रही है और मिले सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है और आतंकवाद के खिलाफ मुहिम को और अधिक तेज कर दिया गया है।






