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कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन पर बीजेपी का प्रहार, तरुण चुघ बोले- ताश के पत्तों की तरह ढह जाएंगे

नई दिल्ली, 24 अगस्त

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के बीच नए गठबंधन की आलोचना की। उन्होंने कहा कि, ‘ये गठबंधन ताश के पत्तों की तरह ढह जाएगा। आने वाले चुनावों में इस गठबंधन को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ेगा।’

तरुण चुघ ने कहा, ‘इस गठबंधन को जम्मू-कश्मीर के लोगों ने बार-बार खारिज किया है। यहां तक कि पिछले लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में अपना खाता खोलने में विफल रही थी, जबकि जेकेएनसी के उमर अब्दुल्ला को करारी हार का सामना करना पड़ा था।’

‘गुपकर से इंडी ब्लॉक तक…सब विफल’
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा, ‘अतीत में अब्दुल्ला, गांधी और मुफ्ती ने गुपकार गठबंधन बनाया था। इसे राज्य के सबसे निचली डीडीसी चुनावों में लोगों ने पूरी तरह से खारिज कर दिया था। उन्होंने लोकसभा चुनावों में इंडी ब्लॉक बनाया, फिर भी जनता ने उन्हें धूल चटा दिया है।’

राहुल की ‘आइसक्रीम यात्रा’
तरुण चुघ ने राहुल गांधी के श्रीनगर दौरे पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी की लाल चौक यात्रा ‘आइसक्रीम यात्रा’ की तरह से देखा जाना चाहिए, जो गर्मी हो या सर्दी पिघलता ज़रूर है। राहुल गांधी यहां लोगों की नब्ज समझने आए थे।’ भारतीय जनता पार्टी के नेता ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘कश्मीर राहुल गांधी की वह पिकनिक यात्रा थी, जो घाटी की सुरक्षा स्थिति में सुधार के स्पष्ट संकेत दे रही है। यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व की वजह से हासिल हुई है, जिन्होंने इस क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाया है’।

तरुण चुघ ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में भाजपा की मजबूत उपस्थिति और लोकप्रियता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और क्षेत्र के विकास के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।’

नेशनल कॉन्फ्रेंस से गठबंधन हताशा का प्रतीक- चुघ
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा, ‘लोकसभा चुनावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों द्वारा खारिज किए गए दलों के साथ गठबंधन करने की कांग्रेस पार्टी की कोशिश उनकी हताशा का संकेत है। इसके उलट, प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों ने राहुल गांधी के लिए लाल चौक में शांतिपूर्ण सैर का आनंद लेना संभव बना दिया है। ऐसा क्षेत्र में पहले संभव नहीं था। पूर्व के तनावपूर्ण माहौल से वर्तमान हालात बिलकुल अलग हैं।’

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