हरेंद्र दुबे
गोरखपुर, 1 जून 2025:
यूपी के गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में नेशनल इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट (NELS) लैब की शुरुआत की गई है। भारत सरकार की पहल के तहत प्रदेश में पहली बार ऐसी अत्याधुनिक सुविधा किसी मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध कराई गई है। इस लैब के जरिए पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ, एमबीबीएस छात्रों और आम नागरिकों को आपात चिकित्सा सेवाओं की सटीक और व्यवहारिक ट्रेनिंग दी जा रही है।
करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस लैब में 36 लाख रुपये की कीमत वाले अत्याधुनिक सिम्युलेटर लगाए गए हैं, जो मानव शरीर की तरह सांस लेते हैं, धड़कते हैं और जिनमें मांसपेशियों की भी सक्रियता दिखाई देती है। ये सिम्युलेटर जर्मनी की उन्नत तकनीक पर आधारित हैं।
अब आम नागरिकों के लिए भी जीवन रक्षक प्रशिक्षण
लैब में पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ को प्रशिक्षित किया जा चुका है। अब यह सुविधा आम नागरिकों के लिए भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए इच्छुक लोगों को बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एनेस्थीसिया विभाग में जाकर पंजीकरण कराना होगा। यह अत्याधुनिक लैब
मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर स्थापित की गई है, जिसके नोडल अधिकारी डॉ. नरेंद्र देव हैं। उनके साथ डॉ. दुर्गेश और डॉ. अमृता को विशेष प्रशिक्षण के लिए पटना भेजा गया था।
इलाज के इन उपायों का दिया जा रहा प्रशिक्षण
-सीपीआर (CPR) और बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) की तकनीक
-डॉक्टरों को एडवांस कार्डियक लाइफ सपोर्ट (ACLS) प्रशिक्षण
-नवजात शिशुओं को CPR देने की विधि
-वयस्कों को जीवन रक्षक तकनीक
-सांस की रुकावट में सहायता
-गले में वस्तु फंसने की स्थिति में उपचार
-गंभीर स्थिति में मरीज को सुरक्षित ले जाना
-दुर्घटनाग्रस्त मरीज को ट्रॉमा सेंटर तक पहुंचाना
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल ने इस लैब की शुरुआत को प्रदेश के लिए गौरवपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ की विशेष रुचि के चलते यह सुविधा गोरखपुर में उपलब्ध कराई जा सकी है। उनका मानना है कि इस ट्रेनिंग से हार्ट अटैक जैसी आपात स्थिति में CPR देना ही नहीं, बल्कि इलाज के अन्य पहलुओं को समझकर जान बचाना भी संभव होगा। अगर इस ट्रेनिंग से प्रशिक्षित कोई एक व्यक्ति भी किसी की जान बचा सका, तो इस लैब की स्थापना का उद्देश्य सफल माना जाएगा।