
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 24 सितंबर 2025:
शारदीय नवरात्र में काशी नगरी भक्ति और आस्था के रंग में डूबी है। नवरात्र के तीसरे दिन बुधवार को चौक क्षेत्र स्थित प्राचीन चंद्रघंटा मंदिर में मां के दर्शन के लिए सुबह से भक्तों की लंबी कतारें लग गईं। मान्यता है कि मां के मस्तक पर चंद्रमा के समान आकृति होने से उन्हें चंद्रघंटा के नाम से पूजा जाता है।
मंदिर के प्रधान पुजारी वैभव योगेश्वर ने बताया कि तड़के 3 बजे मां के विग्रह का पंचामृत स्नान और श्रृंगार किया गया। पीले वस्त्र और पुष्पों से सुसज्जित मां के दर्शन के लिए सुबह 4 बजे से कपाट खोल दिए गए। शाम 5 बजे विशेष भोग आरती संपन्न होगी और रात 12 बजे तक भक्त दर्शन कर सकेंगे। इसके बाद रात 1 बजे शयन आरती के साथ पट बंद किया जाएगा।
भक्तों ने मां को दूध से बने मिष्ठान और पीले फलों का भोग अर्पित किया। मंदिर परिसर और आसपास की गलियां फूल-मालाओं और श्रद्धालुओं से गुलजार रहीं। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं।
स्थानीय श्रद्धालु लता दास ने कहा कि मां चंद्रघंटा की कृपा से मन को शांति और संतोष मिलता है। नवरात्र के दौरान यहां दर्शन करना विशेष फलदायी माना जाता है। नवरात्र के इस पावन अवसर पर काशी की गलियां भक्ति और जयकारों से गूंज रही हैं।