हरेन्द्र दुबे
गोरखपुर, 25 नवंबर 2024:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन में लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। समस्या लेकर आए हर व्यक्ति को भरोसा दिलाते हुए उन्होंने कहा, “किसी को भी परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। हर पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर सुनिश्चित कार्रवाई करते हुए समस्या का समाधान कराया जाएगा।”
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर पीड़ित की समस्या पर संवेदनशीलता से ध्यान दें और उसका समयबद्ध व पारदर्शी तरीके से निस्तारण करें।
जनता दर्शन के दौरान मुख्यमंत्री खुद कुर्सियों पर बैठे लोगों के पास गए और एक-एक कर उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने प्रार्थना पत्रों को अधिकारियों को सौंपते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि समस्याओं का निस्तारण त्वरित, गुणवत्तापूर्ण और संतोषजनक होना चाहिए। जमीन कब्जाने की शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने सख्त रुख अपनाते हुए कठोर कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी प्रकरण में पीड़ित को बार-बार परेशानी झेलनी पड़ी है, तो इसकी जांच कर दोषियों की जवाबदेही तय की जाए।
जनता दर्शन में इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार लेकर पहुंचे लोगों को मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि इलाज में धन की कमी बाधा नहीं बनेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अस्पताल के इस्टीमेट की प्रक्रिया जल्द पूर्ण कर शासन में भेजें। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से इलाज के लिए आवश्यक धनराशि प्रदान की जाएगी।
गोसेवा और बतखों को चारा खिलाने में बिताया समय
गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी परंपरागत दिनचर्या का पालन किया। उन्होंने शिवावतार गुरु गोरखनाथ का दर्शन-पूजन किया और अपने गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि स्थल पर मत्था टेका। इसके बाद मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए गोशाला पहुंचे।
गोशाला में मुख्यमंत्री ने गोवंश के बीच समय बिताया और गोसेवा की। उन्होंने आंध्र प्रदेश के येलेश्वरम स्थित गोशाला से गोरखनाथ मंदिर लाए गए पुंगनूर नस्ल के दो गोवंश, भवानी और भोलू, को दुलारते हुए अपने हाथों से चारा खिलाया। अन्य गोवंश को गुड़ खिलाकर उन्होंने गोशाला कर्मियों को उनकी देखभाल के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
मंदिर परिसर के भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री भीम सरोवर पहुंचे, जहां बतखों का एक समूह विचरण कर रहा था। मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से बतखों को चारा खिलाकर उन पर स्नेह बरसाया। उनका यह आत्मीय व्यवहार मंदिर परिसर में उपस्थित लोगों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।