लखनऊ, 20 जून 2025:
सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोक निर्माण की हाई लेवल मीटिंग कर प्रदेश के सभी डीएम से कहा है कि वो 30 जून तक विभाग की 18 योजनाओं के तहत अपने जिलों में सड़कों व पुल निर्माण के प्रस्ताव अनिवार्य रूप से भेज दें। सीएम ने ये भी हिदायत दी है कि प्रस्ताव में क्षेत्रफल के स्थान पर जरूरत का ख्याल रखा जाए।
सभी विधानसभा क्षेत्रों को मिले योजनाओं का लाभ
सीएम ने बैठक में स्पष्ट कहा कि सभी डीएम स्थानीय जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रस्ताव तय समय सीमा के भीतर भेजें। विकास का लाभ क्षेत्रफल नहीं, बल्कि स्थानीय आवश्यकता के आधार पर मिलना चाहिए। समावेशी विकास की संकल्पना को केंद्र में रखते हुए निर्देशित किया कि सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों को कम से कम 2-3 योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ अवश्य मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विकास कार्यों का भूमि पूजन या शिलान्यास स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कराया जाए।
डार्क स्पॉट चिन्हित करें, टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर बनें
प्रदेश के किसी भी मार्ग पर गड्ढे नजर नहीं आने चाहिए। तेज रफ्तार और टूटी हुई सड़कें दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण हैं, इसलिए सभी डार्क स्पॉट चिन्हित किए जाएं। टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर बनवाए जाएं। लघु सेतु और सड़कें अक्सर जलभराव के कारण क्षतिग्रस्त होती हैं। ऐसे में पूर्वानुमान के आधार पर पहले से ही प्रस्ताव तैयार कर भेजे जाएं, ताकि जैसे ही बरसात कम हो, कार्य प्रारंभ कराया जा सके।
धार्मिक स्थानों को जोड़ने वाले मार्ग को दें प्राथमिकता
हर वर्ष प्रदेश के टॉप-50 धार्मिक स्थलों का चयन उसकी ऐतिहासिकता, महत्व एवं श्रद्धालुओं की संख्या के आधार पर किया जाए। इन स्थलों को जोड़ने वाले मार्गों के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण को प्राथमिकता दी जाए। धार्मिक स्थलों की बेहतर कनेक्टिविटी न केवल सांस्कृतिक अनुभव को समृद्ध करती है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहित करती
पूर्व-पश्चिम में कनेक्टिविटी को नया आयाम मिला अब उत्तर दक्षिण की बारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल, आगरा, यमुना, बुंदेलखंड और निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे ने पूर्व-पश्चिम की कनेक्टिविटी को नया आयाम दिया है। अब समय आ गया है कि उत्तर और दक्षिण के जिलों को भी आपस में जोड़ने वाली संरचना तैयार की जाए।
दागी ठेकेदारों पर करें कार्रवाई
प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी नामित करें, जो साप्ताहिक आधार पर कार्यों की प्रगति की समीक्षा करे। समीक्षा बैठकों में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति अनिवार्य हो। निर्देश दिया कि संदिग्ध या दागी ठेकेदारों को चिन्हित कर जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाए।