
गोरखपुर, 22 जून 2025:
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार शाम गोरखनाथ मंदिर सभागार में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद (एमपीएसपी) की समीक्षा बैठक में संस्थाओं के प्रमुखों से कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की शिक्षा बाधित न होने पाए। यह सुनिश्चित करना हर संस्थाध्यक्ष की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि परिषद की सभी संस्थाएं केवल शिक्षा, स्वास्थ्य या सेवा की इकाइयां नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय विकास की प्रेरक शक्ति हैं।
“हर संस्था बने नवाचार और अनुशासन की मिसाल”

मुख्यमंत्री ने परिषद की गतिविधियों और भावी योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जीवन और संस्थाएं सिर्फ औपचारिकता नहीं हैं, बल्कि इनके पीछे एक स्पष्ट ध्येय होना चाहिए। सभी संस्थाध्यक्षों को चाहिए कि वे नवाचार, अनुशासन, समय पालन और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ कार्य करें और अपनी संस्था की अलग पहचान बनाएं। उन्होंने अनुशासन, स्वच्छता, हरियाली और आपसी सद्भाव को हर परिसर की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बनाने पर विशेष जोर दिया।
उन्होंने निर्देश दिया कि प्रत्येक संस्थाध्यक्ष समयपालन और अनुशासन की शुरुआत स्वयं से करें, जिससे यह अन्य कर्मचारियों और छात्रों में स्वतः प्रभावी हो। साथ ही, हर प्रभारी को प्रतिदिन अपने क्षेत्र का भौतिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए ताकि गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
शिक्षकों को प्रभारों के प्रति उत्साह दिखाने की सलाह
मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से अपील की कि उन्हें सौंपे गए प्रभार जैसे स्वच्छता, अनुशासन आदि को उत्साहपूर्वक निभाएं और प्रेरणास्रोत बनें। उन्होंने संस्थापकों के प्रति श्रद्धा और सम्मान के भाव को आत्मसात करने की आवश्यकता बताई, जिससे संस्था और व्यक्ति दोनों का विकास संभव हो सके।
नई तकनीक और सकारात्मक वातावरण की जरूरत
सीएम योगी ने विद्यालयों को स्वच्छ, सुंदर और सकारात्मक वातावरण से युक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जब अभिभावक परिसर में आएं तो वहां की सुंदरता, अनुशासन और सुसंस्कृत वातावरण से प्रभावित होकर जाएं। उन्होंने ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान हुए कार्यों की समीक्षा करते हुए 1 जुलाई से प्रारंभ हो रहे शैक्षिक सत्र के लिए समुचित तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्रार्थना सभा, पुस्तकालय के सशक्तिकरण और शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाओं के आयोजन के साथ ही उन्होंने करियर काउंसिलिंग को भी नियमित रूप से संचालित करने को कहा।
शताब्दी वर्ष 2032 के लिए अभी से तैयारी शुरू करने का आह्वान
मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के शताब्दी वर्ष 2032 को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए अभी से विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा। उन्होंने याद दिलाया कि परिषद की स्थापना 1932 में शैक्षिक पुनर्जागरण और राष्ट्रीय मूल्यों की रक्षा हेतु की गई थी। परिषद को एक मॉडल संस्था के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य तय करते हुए उन्होंने सभी प्रमुखों को अभी से समर्पित भाव से जुट जाने की अपील की।
इस बैठक में परिषद से जुड़े महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज, एमपी पॉलिटेक्निक, महाराणा प्रताप महिला पीजी कॉलेज, एमपीआईटी, गुरु गोरखनाथ विद्यापीठ, फार्मेसी कॉलेज समेत अनेक संस्थाओं के प्रमुखों और पदाधिकारियों ने भाग लिया।





