3अक्टूबर की शाम शक्ति मंदिर में गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ करेंगे कलश स्थापना
गोरखपुर, 2 अक्टूबर 2024
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गोरक्षपीठाधीश्वर एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा गुरुवार, 3 अक्टूबर को शाम 5 बजे गोरखनाथ मंदिर में शक्ति मंदिर में कलश स्थापना करेंगे। इसके साथ ही दस दिवसीय विशेष अनुष्ठान का शुभारंभ हो जाएगा।गोरक्षपीठ में नाथपंथ के अधिष्ठाता, शिवावतार महायोगी गुरु गोरखनाथ के साथ ही शक्ति की आराधना की अद्भुत परंपरा है। मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्ति मंदिर में पूरे नवरात्र (वासंतिक और शारदीय दोनों) अनवरत साधना चलती है। नवरात्र की पूर्णाहुति पर राघव अर्थात भगवान राम का राजतिलक करने की परंपरा अन्यत्र नहीं दिखती। विजयादशमी (दशहरा) पर राघव का राजतिलक करने के लिए गोरक्षपीठाधीश्वर स्वयं मौजूद रहते हैं।इस शारदीय नवरात्र गोरखनाथ मंदिर में होने वाले पारंपरिक अनुष्ठान के बारे में मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने बताया कि शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा पर गुरुवार (3 अक्टूबर) की शाम 5 बजे गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत कलश शोभायात्रा निकलेगी। यह यात्रा मंदिर के परम्परागत सैनिकों की सुरक्षा में निकलेगी जिसमें सभी साधु-संत, पुजारी, योगी, वेदपाठी बालक, पुरोहित एवं श्रद्धालु शामिल होंगे। कलश यात्रा में शिव, शक्ति और महायोगी गोरखनाथ के अस्त्र त्रिशूल को मंदिर के मुख्य पुजारी लेकर चलेंगे। परंपरा के अनुसार त्रिशूल लेकर चलने वाले को 9 दिन मंदिर में ही रहना होता है। कलश शोभायात्रा के समापन पर भीम सरोवर के पवित्र जल पूरित कलश की स्थापना मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्ति मंदिर में गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री कलश योगी आदित्यनाथ द्वारा करने के साथ मां भगवती की विशेष उपासना का शुभारंभ हो जाएगा।मंदिर के प्रधान पुजारी ने बताया कि मठ में शारदीय नवरात्र में श्रीमददेवीभागवत की कथा एवं दुर्गा सप्तशती का पाठ, प्रतिपदा 3 अक्टूबर से पूरे नवरात्र प्रतिदिन सुबह एवं शाम 4 बजे 6 बजे तक चलेगा। देवी-देवताओं के आह्वान के साथ पूजन-आरती होती रहेगी। 10 अक्टूबर, गुरुवार, अष्टमी की शाम 7 बजे से गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ महानिशा पूजन एवं हवन करेंगे।11 अक्टूबर, शुक्रवार को शारदीय नवरात्र की महानवमी तिथि के व्रत के साथ पूर्वाह्न 11 बजे से गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुमारी कन्याओं का पांव पखारकर पूजन करेंगे। इस अवसर पर मातृ स्वरूपा कन्याओं के लिए भोज का भी आयोजन होगा और गोरक्षपीठाधीश्वर उन्हें दक्षिणा तथा उपहार भेंट करेंगे। बटुक भैरव के रूप में कुछ बालक भी इस पूजन अनुष्ठान में सम्मिलित होंगे।अनेक अनुष्ठानों के बाद,विजयादशमी के दिन 12 अक्टूबर, शनिवार को सुबह 9:15 बजे गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ, श्रीनाथ जी (गुरु गोरखनाथ) का विशिष्ट पूजन करेंगे। उसके बाद सभी देव विग्रह एवं समाधि पर पूजन होगा। अपराह्न 1 बजे से 3 बजे तक गोरक्षपीठाधीश्वर के तिलकोत्सव का कार्यक्रम चलेगा। उसके बाद 4 बजे से सीएम एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ रथ पर सवार होकर मानसरोवर मंदिर में देव विग्रहों का पूजन एवं अभिषेक करेंगे। इसके उपरांत शाम 5 बजे मानसरोवर रामलीला मैदान में गोरक्षपीठाधीश्वर, श्रीराम दरबार का पूजन करके प्रभु श्रीराम का राजतिलक करेंगे। इस अवसर पर शाम 7 बजे से गोरखनाथ मंदिर में भंडारा का आयोजन होगा।गोरखनाथ मंदिर में शारदीय नवरात्र के अवसर पर प्रमुख आयोजनों का गोरखनाथ मंदिर के सोशल मीडिया प्लेटफार्म से सजीव प्रसारण भी किया जाएगा।
गोरक्षपीठाधीश्वर एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा गुरुवार, 3 अक्टूबर को शाम 5 बजे गोरखनाथ मंदिर में शक्ति मंदिर में कलश स्थापना करेंगे। इसके साथ ही दस दिवसीय विशेष अनुष्ठान का शुभारंभ हो जाएगा।
गोरक्षपीठ में नाथपंथ के अधिष्ठाता, शिवावतार महायोगी गुरु गोरखनाथ के साथ ही शक्ति की आराधना की अद्भुत परंपरा है। मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्ति मंदिर में पूरे नवरात्र (वासंतिक और शारदीय दोनों) अनवरत साधना चलती है। नवरात्र की पूर्णाहुति पर राघव अर्थात भगवान राम का राजतिलक करने की परंपरा अन्यत्र नहीं दिखती। विजयादशमी (दशहरा) पर राघव का राजतिलक करने के लिए गोरक्षपीठाधीश्वर स्वयं मौजूद रहते हैं।
इस शारदीय नवरात्र गोरखनाथ मंदिर में होने वाले पारंपरिक अनुष्ठान के बारे में मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने बताया कि शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा पर गुरुवार (3 अक्टूबर) की शाम 5 बजे गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत कलश शोभायात्रा निकलेगी। यह यात्रा मंदिर के परम्परागत सैनिकों की सुरक्षा में निकलेगी जिसमें सभी साधु-संत, पुजारी, योगी, वेदपाठी बालक, पुरोहित एवं श्रद्धालु शामिल होंगे। कलश यात्रा में शिव, शक्ति और महायोगी गोरखनाथ के अस्त्र त्रिशूल को मंदिर के मुख्य पुजारी लेकर चलेंगे। परंपरा के अनुसार त्रिशूल लेकर चलने वाले को 9 दिन मंदिर में ही रहना होता है। कलश शोभायात्रा के समापन पर भीम सरोवर के पवित्र जल पूरित कलश की स्थापना मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्ति मंदिर में गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री कलश योगी आदित्यनाथ द्वारा करने के साथ मां भगवती की विशेष उपासना का शुभारंभ हो जाएगा।
योगी कमलनाथ ने बताया कि आदिशक्ति मां भगवती दुर्गा के अनुष्ठान शारदीय नवरात्र तथा सत्य, न्याय एवं धर्म की विजय का पावन पर्व विजयादशमी गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत तरीके एवं हर्षोल्लास के साथ आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से आश्विन शुक्ल दशमी तक विविध अनुष्ठानों के बीच मनाया जाएगा।
नवरात्र के दौरान प्रतिदिन श्रीमददेवी भागवत की कथा होगी और अष्टमी की शाम पीठाधीश्वर महानिशा पूजन करेंगे।