नई दिल्ली , 11 सितंबर 2024
अगस्त में दिल्ली के बीजेपी विधायकों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर उन्हें एक चिट्ठी सौंपी. इसमें मांग की गई कि इस संवैधानिक संकट को देखते हुए दिल्ली में ‘आप’ की सरकार को बर्खास्त किया जाए और राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.
ताजा मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रपति ने इस मामले पर कार्रवाई के लिए विधायकों की चिट्ठी केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दी है. रिपोर्टों के मुताबिक, राष्ट्रपति सचिवालय ने इस पत्र को “उचित कार्रवाई” के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दिया है. मंत्रालय ने अभी तक इस पर कोई बयान नहीं दिया है.
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजेपी विधायक विजेंदर गुप्ता ने इस बात की पुष्टि की है. एक टीवी चैनल को दिए बयान में उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को सौंपा गया ज्ञापन ‘संवैधानिक संकट’ के अलावा ‘आप’ सरकार के करीब 10 साल के कार्यकाल के बारे में भी था.
भारत में राष्ट्रपति शासन संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत लगाया जाता है. इस अनुच्छेद के मुताबिक, अगर राष्ट्रपति इस बात से आश्वस्त हों कि किसी राज्य में “संवैधानिक तंत्र भंग” हो चुका है, तो वह वहां राष्ट्रपति शासन लागू कर सकते हैं. ऐसे में राज्य सरकार को बर्खास्त कर दिया जाता है और राज्यपाल सरकार की बागडोर संभाल लेते हैं.
दिल्ली में पिछली बार राष्ट्रपति शासन फरवरी 2014 में लगाया गया था. तब तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में लोकपाल बिल पेश ना कर पाने की वजह से अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था, जो फरवरी 2015 तक कायम रखा गया.