अंशुल मौर्य
वाराणसी, 22 जून 2025:
काशी के अस्सी स्थित देवरहवा बाबा आश्रम (द्वारकाधीश मंदिर) में रविवार को योगीराज देवरहवा बाबा की 35वीं पुण्यतिथि श्रद्धापूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर भव्य धार्मिक समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें विभिन्न स्थानों के साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
समारोह की शुरुआत सुबह बाबा की आदमकद प्रतिमा के वैदिक मंत्रों के साथ पूजन-अर्चन से हुई। यह पूजन आश्रम के कोठारी राम अभिलाष दास महाराज, स्वामी रामदास महाराज और स्वामी अखंड दास महाराज के सान्निध्य में संपन्न हुआ। इसके साथ ही नौ दिवसीय श्रीरामचरितमानस नवाह पारायण पाठ का विधिवत समापन भी किया गया।
विद्वत सभा में वक्ताओं ने बाबा के जीवन और शिक्षाओं पर प्रकाश डाला। स्वामी रामदास महाराज ने अयोध्या, वृंदावन, मथुरा और चित्रकूट से पधारे साधु-संतों का सम्मान करते हुए कहा कि देवरहवा बाबा एक महान योगी थे, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन भगवान की भक्ति और दीन-दुखियों की सेवा को समर्पित कर दिया। वे मचान पर बैठकर दुखियों के कष्ट हरते और जीवन का सरल मार्ग दिखाते थे। बाबा कहा करते थे, “भगवान के चरणों में मन रम जाए, तो सारे सुख मिल जाते हैं।”
राम अभिलाष दास महाराज, डॉ. श्रवण दास महाराज, स्वामी राम लोचन दास महाराज और स्वामी सियाराम दास महाराज सहित अन्य संतों ने भी बाबा के दिव्य व्यक्तित्व और आध्यात्मिक साधना का स्मरण किया। समाजसेवी रामयश मिश्र ने बताया कि बाबा देवरिया जिले के मईल ग्राम के निवासी थे। सरयू तट पर मचान पर कुटिया बनाकर उन्होंने जनसेवा और साधना का मार्ग चुना। वे लंबे समय तक एक गुफा में समाधि लगाकर श्रीकृष्ण भक्ति में लीन रहते थे। उनका जन्म और आयु आज भी रहस्य बने हुए हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी समेत देश के कई राजनेता और उच्चाधिकारी बाबा से आशीर्वाद प्राप्त करने उनके आश्रम आया करते थे। बाबा जीवनभर सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और सेवा कार्यों में जुटे रहे। समारोह के अंत में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें काशी के मठ-मंदिरों के हजारों संत-महंतों और श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।