
उत्तरकाशी | 6 अगस्त 2025
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में खीर गंगा नदी का रौद्र रूप एक बार फिर तबाही का सबब बना है। हाल ही में आई बाढ़ से जहां 5 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 100 से अधिक लोग लापता हैं। हालांकि राहत की बात यह रही कि 130 से अधिक लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और ITBP की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।
खीर गंगा नदी भागीरथी की सहायक नदी है, जो श्रीकंठ पर्वत से निकलती है और धराली के पास मिलती है। दिखने में शांत लगने वाली इस नदी का अतीत भयानक रहा है। इतिहास में दर्ज घटनाओं के अनुसार, 1816 में अंग्रेज यात्री जेम्स विलियम फ्रेजर ने अपने यात्रा वृतांत में धराली में मौजूद 240 प्राचीन मंदिरों का उल्लेख किया था। ये सभी मंदिर कत्यूरी शैली में बने थे। मगर 19वीं सदी की शुरुआत में खीर गंगा में आई भीषण बाढ़ ने इन मंदिरों को मलबे में दफन कर दिया था।
इतिहास ने 2013 और 2018 में भी खुद को दोहराया, जब इस नदी में अचानक उफान आया और भारी तबाही हुई। 2018 की बाढ़ में गंगोत्री हाईवे पर बनी पुलिया चोक हो गई थी और 50 से अधिक होटल, घर और कल्पकेदार मंदिर प्रभावित हुए थे।
अब 2025 में यह चौथी बार है जब खीर गंगा फिर कहर बनकर टूटी है। नदी के किनारे बसे सेब के बागानों को भारी नुकसान पहुंचा है। लोग दहशत में हैं और प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर है। उत्तरकाशी की यह त्रासदी एक बार फिर यह याद दिला रही है कि प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखना कितना जरूरी है।





