
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 20 अगस्त 2025:
भारतीय संस्कृति में उल्लू को माता लक्ष्मी का वाहन और शुभता का प्रतीक माना जाता है। हाल ही में वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ धाम में एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जब एक श्वेत उल्लू बाबा विश्वनाथ की शयन आरती का नियमित “भक्त” बन गया।
यह दुर्लभ श्वेत उल्लू सोमवार रात करीब 10 बजे मंदिर के स्वर्ण शिखर पर बैठा दिखाई दिया। मंदिर ट्रस्ट के CEO ने सोशल मीडिया पर इसका वीडियो साझा करते हुए लिखा, “शयन आरती के बाद बाबा के स्वर्ण शिखर पर श्वेत उल्लू का दर्शन हुआ, जो शुभता का प्रतीक है। श्री काशी विश्वनाथो विजयतेतराम।”
मंदिर के PRO के अनुसार यह उल्लू केवल एक रात का अतिथि नहीं रहा, बल्कि अब लगभग प्रतिदिन आरती के समय दर्शन देने लगता है। भक्त इसे बाबा का दिव्य संकेत और माता लक्ष्मी के आशीर्वाद का प्रतीक मानकर हर्षित हो रहे हैं।
इस अलौकिक घटना ने काशी विश्वनाथ धाम की आध्यात्मिक महिमा को और बढ़ा दिया है। श्रद्धालुओं के लिए यह दृश्य न केवल आश्चर्यजनक है, बल्कि उनकी आस्था को और गहरा कर रहा है।