लखनऊ, 30 अक्टूबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने लाला जुगल किशोर लिमिटेड की करीब 250 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां जब्त कर लीं हैं। ये संपत्तियां कथित तौर पर रोहतास ग्रुप से सांठगांठ के जरिए खरीदी गई थीं, जिसने हजारों निवेशकों की गाढ़ी कमाई हड़प ली थी।
जब्त की गई संपत्तियों में राजधानी लखनऊ के सुल्तानपुर रोड, सीतापुर रोड और बाराबंकी रोड स्थित पांच बेशकीमती भूखंड शामिल हैं। इनमें से एक पर अधूरे फ्लैट बने हुए हैं। ईडी के अनुसार 2019 में गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई से ठीक पहले रोहतास ग्रुप ने ये संपत्तियां महज 18–20 करोड़ रुपये में लाला जुगल किशोर लिमिटेड को बेच दी थीं, जबकि उस समय इनकी बाजार कीमत करीब 125–150 करोड़ रुपये थी।

जांच में यह भी सामने आया कि इस सौदे में 100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम नकद में चुकाई गई, जो मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत एक गंभीर अपराध है। ईडी की कार्रवाई के बाद अब इन संपत्तियों की वर्तमान कीमत 250 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है।
सूत्रों के अनुसार रोहतास ग्रुप और लाला जुगल किशोर लिमिटेड के बीच मिलीभगत के चलते करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई। ईडी ने फिलहाल इन संपत्तियों को जब्त कर लिया है और बाकी संपत्तियों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा लाला जुगल किशोर लिमिटेड पर बड़े पैमाने पर स्टांप चोरी का मामला भी बन सकता है।
बताते चलें कि ईडी ने सितंबर में भी रोहतास ग्रुप के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 248 करोड़ रुपये की हेराफेरी के सबूत मिले थे। समूह के संचालक पीयूष रस्तोगी, परेश रस्तोगी और दीपक रस्तोगी वर्तमान में फरार हैं।
अब तक 80 से अधिक मुकदमे निवेशकों द्वारा रोहतास ग्रुप के खिलाफ दर्ज कराए जा चुके हैं। इसके साथ ही सीबीआई की एंटी-करप्शन ब्रांच और लखनऊ पुलिस ने भी करोड़ों रुपये की संपत्तियां जब्त की हैं। अनुमान है कि कंपनी ने निवेशकों के 500 करोड़ रुपये से अधिक की रकम हड़पी है।






