Uttar Pradesh

भावनाओं को इस हद तक बहने नहीं दिया जा सकता : PM मोदी पर अभद्र भाषा पोस्ट मामले में FIR रद्द करने से हाईकोर्ट का इनकार

प्रयागराज, 9 जून 2025

देश के प्रधानमंत्री को लेकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने और फिर उसे सार्वजनिक मंच पर लोगों के सामने पेश करने वाले मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कड़ी सख्ती दिखाई है। 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई रुकने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाकर कथित फेसबुक पोस्ट करने के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग वाली याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल अजीत यादव (24) ने भावनाओं में बहकर यह पोस्ट डाली थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जे जे मुनीर और न्यायमूर्ति अनिल कुमार की खंडपीठ ने इस दलील को खारिज करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री के खिलाफ याचिकाकर्ता द्वारा लिखी गई पोस्ट में सरकार के मुखिया के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था।

भावनाओं को इस हद तक बहने नहीं दिया जा सकता कि देश के संवैधानिक प्राधिकारियों को अपमानजनक शब्दों के प्रयोग से बदनाम किया जाए।अदालत ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हुए एफआईआर में हस्तक्षेप करने का यह उपयुक्त मामला नहीं है।

यादव पर उनके फेसबुक पोस्ट के लिए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें कथित तौर पर पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए प्रधानमंत्री को निशाना बनाते हुए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था। 22 अप्रैल को काश्मीर के पहलगाम में हुए इस आतंकवादी हमले में देश के 26 नागरिकों की आतंकियों ने निर्मम हत्या कर दी थी।

 

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