
अशरफ अंसारी
इटावा, 20 अगस्त 2025:
यूपी के दूसरे जनपदों की तरह इटावा में भी किसान खाद के लिए परेशान हैं। यूरिया की कमी के चलते किसान रोजाना सहकारी समितियों के चक्कर काट रहे हैं। हालात यह हैं कि समितियों को जब भी एक ट्रक यूरिया मिलती है तो उससे केवल 200 से 250 किसानों को ही उपलब्ध हो पाती है। हजारों किसान खाली हाथ लौट जाते हैं।
खाद की कमी से परेशान किसानों का गुस्सा अक्सर समितियों के कर्मचारियों पर फूट रहा है। हाल ही में 18 अगस्त को ऐसी ही घटना हुई, जब किसानों ने एक समिति पर जमकर हंगामा किया और कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की कर दी। कर्मचारियों का कहना है कि आए दिन गाली-गलौज और मारपीट जैसी स्थिति बन जाती है, जिससे उनकी सुरक्षा खतरे में रहती है और कार्य करना मुश्किल हो गया है।
बढ़ते विवाद और तनाव को देखते हुए बुधवार को बी-पैक्स सहकारी समितियों के सचिव और कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया और प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मांग की है कि खाद का वितरण केवल समिति के परिसर में ही किया जाए, ताकि व्यवस्था नियंत्रित रह सके। इसके साथ ही उन्होंने वितरण प्रक्रिया में राजस्व लेखपाल की मौजूदगी अनिवार्य करने, पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने और पीसीएफ व एफसीआई गोदाम से खाद सीधे समितियों को उपलब्ध कराने की मांग रखी है।
कर्मचारियों का कहना है कि किसानों की फर्जी शिकायतों पर बिना जांच कार्रवाई न की जाए, क्योंकि इससे अनावश्यक दबाव बनता है। उन्होंने यह चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों का समाधान एक सप्ताह के भीतर नहीं किया गया, तो वे खाद वितरण व्यवस्था से स्वयं को अलग कर लेंगे। इससे किसानों की परेशानी और बढ़ सकती है।






