Uttar Pradesh

अग्निशमन विभाग की सतर्कता, दुर्गा पूजा आयोजकों को मिली आग से बचाव और आपातकालीन उपायों की ट्रेनिंग

अयोध्या, 6 अक्टूबर 2024:

आगामी दुर्गा पूजा महोत्सव के मद्देनजर शहर भर में विभिन्न स्थानों पर बन रहे पूजा पंडालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अग्निशमन विभाग ने विशेष रूप से अपनी तैयारियों को सुदृढ़ किया है। किसी भी अनहोनी या आगजनी की घटना से निपटने के लिए, अग्निशमन विभाग ने पूजा आयोजकों को एक विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य आयोजकों को आग से बचाव के उपायों और उसकी रोकथाम की प्रक्रियाओं के प्रति जागरूक करना है, ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जा सके।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि दुर्गा पूजा के दौरान शहर के विभिन्न इलाकों में बड़े पैमाने पर पूजा पंडाल बनाए जाते हैं। इन पंडालों में बिजली के भारी उपयोग और भंडारे के दौरान एलपीजी गैस सिलेंडरों के उपयोग से आग लगने की संभावना बढ़ जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए, आयोजनकर्ताओं को आग से बचाव और आग पर काबू पाने के लिए विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

मुख्य बिंदु:
• बिजली के उपयोग से होने वाले खतरे: बिजली की शॉर्ट सर्किट और ओवरलोडिंग के कारण आग लगने की घटनाएं होती हैं, इसलिए आयोजकों को बिजली कनेक्शन और वायरिंग की सावधानीपूर्वक जांच कराने की सलाह दी गई है।

• एलपीजी सिलेंडरों का सुरक्षित उपयोग: भंडारे के दौरान एलपीजी गैस सिलेंडरों का सुरक्षित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं। गैस लीक होने पर तुरंत अग्निशमन विभाग को सूचित करने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

• अग्निशमन उपकरणों की उपलब्धता: हर पंडाल में फायर एक्सटिंग्विशर, बालू की बाल्टियाँ और पानी की बाल्टियाँ उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि आग लगने की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके।

• आपातकालीन निकास मार्ग: सभी पंडालों में कम से कम दो आपातकालीन निकास मार्ग की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि आपात स्थिति में भीड़ को आसानी से बाहर निकाला जा सके।

• स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण: पंडाल में मौजूद स्वयंसेवकों को भी आग बुझाने और भीड़ को सुरक्षित बाहर निकालने की ट्रेनिंग दी गई है।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य रूप से आग लगने की स्थिति में आग बुझाने के यंत्रों के सही उपयोग, बिजली उपकरणों की देखरेख, और आपातकालीन प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। अग्निशमन विभाग के इस कदम से पूजा आयोजकों को सुरक्षा को लेकर बेहतर तैयारी में मदद मिलेगी, और दुर्गा पूजा महोत्सव को सुरक्षित और सुखद तरीके से संपन्न कराने में सहायता मिलेगी।

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