लखनऊ, 6 अक्टूबर 2024:
हरेन्द्र दुबे,
“सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे।।”
“ॐ कूष्माण्डायै नम:।”
शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा और आराधना की जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, अपनी मंद और हल्की मुस्कान द्वारा ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण उन्हें कूष्मांडा देवी के रूप में पूजा जाता है। संस्कृत में ‘कूष्मांडा’ का अर्थ कुम्हड़ा (पेठा) होता है, और इन्हें बलि में कुम्हड़ा विशेष रूप से प्रिय है, इसलिए देवी को कूष्मांडा कहा जाता है।
नवरात्रि के इस विशेष दिन पर मां कूष्मांडा को जल और पुष्प अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त करें। मां से यह प्रार्थना करें कि उनका आशीर्वाद आपके और आपके परिवार के स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखे। विशेष रूप से, अगर आपके परिवार में कोई सदस्य लंबे समय से बीमार है, तो इस दिन मां से उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करनी चाहिए।
*पूजा विधि:*
- पूरे श्रद्धा भाव से मां को पुष्प, धूप, गंध, और भोग अर्पित करें।
- मां कूष्मांडा को अपनी क्षमतानुसार विभिन्न प्रकार के फलों का भोग लगाएं।
मां कूष्मांडा की पूजा से स्वास्थ्य लाभ और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। उनके आशीर्वाद से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और रोगों से मुक्ति मिलती है।