आंध्र, तेलंगाना, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली भी बने गोरखपुर के टेराकोटा के प्रशंसक, दिवाली पर 30 ट्रक टेराकोटा उत्पादों की आपूर्ति

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हरेन्द्र दुबे

गोरखपुर, 21 अक्टूबर 2024:

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में टेराकोटा शिल्पकारों की कारोबारी दिवाली इस बार पहले से अधिक जगमगा रही है। योगी सरकार द्वारा 2018 में टेराकोटा को “एक जिला, एक उत्पाद” (ओडीओपी) योजना में शामिल करने के बाद गोरखपुर की यह पारंपरिक कला नए आयाम छू रही है। दशहरा और दिवाली के इस त्योहार के मौसम में, गोरखपुर के टेराकोटा शिल्पकारों ने लगभग 30 ट्रक उत्पादों की आपूर्ति आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, राजस्थान, और दिल्ली जैसे राज्यों में की है। ओडीओपी के तहत मिले प्रोत्साहन और संसाधनों ने इस पारंपरिक शिल्प को न सिर्फ जिंदा रखा, बल्कि इसे देशभर में लोकप्रिय बना दिया है।

शिल्पकारों का कहना है कि इस साल टेराकोटा उत्पादों की मांग दोगुनी हो गई है। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिल्पकार राजन प्रजापति ने बताया कि उन्होंने इस बार 15 ट्रक उत्पादों की आपूर्ति हैदराबाद, अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली और राजस्थान के विभिन्न शहरों में की है। उनके अनुसार, टेराकोटा की मांग में इस वर्ष के दौरान जबरदस्त इजाफा हुआ है। राजन ने कहा, “पिछले साल हमने केवल 8 ट्रक उत्पादों की आपूर्ति की थी, जबकि इस बार यह संख्या दोगुनी हो चुकी है।”

अन्य शिल्पकारों में पन्नेलाल प्रजापति ने 8 ट्रक, हरिओम आजाद ने 2 ट्रक, मोहनलाल और सोहनलाल प्रजापति ने 2 ट्रक, और हीरालाल प्रजापति ने एक ट्रक टेराकोटा उत्पादों की आपूर्ति बाहरी राज्यों में की है। यह सभी ऑर्डर नवरात्रि और दशहरे के पहले ही पूरे कर दिए गए थे, जिससे इन शिल्पकारों की दिवाली पहले से ही रोशन हो चुकी है।

स्थानीय बाजार की मांग को पूरा करने में जुटे शिल्पकार

अन्य राज्यों में सप्लाई के बाद, अब शिल्पकार अपने उत्पादों को स्थानीय बाजार के लिए तैयार करने में लगे हुए हैं। दिवाली के त्योहार को देखते हुए स्थानीय बाजार में भी टेराकोटा उत्पादों की मांग पहले से कई गुना बढ़ गई है। शिल्पकारों का कहना है कि गोरखपुर में टेराकोटा का बाजार पहले से कहीं ज्यादा विस्तृत हो चुका है और इस क्षेत्र में आने वाले नए शिल्पकारों और कारोबारियों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।

ओडीओपी योजना ने बदल दिए शिल्पकारों के दिन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा टेराकोटा को ओडीओपी योजना में शामिल किए जाने के बाद से इस शिल्प का काया पलट हो गया है। पहले जहां टेराकोटा का दायरा सीमित था और शिल्पकारों को काम की कमी का सामना करना पड़ता था, वहीं अब इनके पास काम की भरमार है। राजन प्रजापति का कहना है, “टेराकोटा को प्रचार की जरूरत ही नहीं पड़ती, मुख्यमंत्री योगी ने इसकी इतनी जबरदस्त ब्रांडिंग कर दी है कि अब हमारे पास काम का अभाव नहीं होता।”

गोरखपुर के शिल्पकारों ने हाल ही में ग्रेटर नोएडा में आयोजित यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में भी हिस्सा लिया, जहां टेराकोटा शिल्प ने देश और दुनिया के आगंतुकों के सामने अपनी चमक बिखेरी। इस शो में कई शिल्पकारों और कारोबारियों को नए ऑर्डर भी मिले।

टेराकोटा को मिला सीएम योगी का प्रोत्साहन

शिल्पकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों ने टेराकोटा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। 2017 से पहले तक यह शिल्प दम तोड़ने की कगार पर था, लेकिन सीएम योगी के नेतृत्व में इसे नया जीवन मिला। ओडीओपी योजना के तहत टेराकोटा शिल्पकारों को वित्तीय, संसाधनगत और तकनीकी मदद मिलने से उनके काम में तेजी आई है।

टेराकोटा का स्वर्णिम भविष्य

टेराकोटा को ओडीओपी में शामिल करने के बाद शिल्पकारों को न सिर्फ इलेक्ट्रिक चाक, पगमिल और डिजाइन मशीन जैसे उपकरण मिले, बल्कि सीएम योगी के नेतृत्व में इस शिल्प की ब्रांडिंग भी व्यापक रूप से की गई। इसका नतीजा यह है कि गोरखपुर का टेराकोटा अब देशभर में अपनी पहचान बना चुका है, और इसके शिल्पकार लगातार नए ऑर्डर और काम के अवसरों से भरे हुए हैं।

इस दिवाली, गोरखपुर के टेराकोटा शिल्पकारों ने एक बार फिर अपनी कला की चमक से देश के विभिन्न राज्यों को रोशन किया है, और यह साबित कर दिया है कि ओडीओपी योजना ने उनके जीवन में सोने सी चमक भर दी है।

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