National

1951 में बिकिनी में चुनी गई पहली मिस वर्ल्ड, अब तक हो चुका है बड़ा बदलाव

लंदन, 31 मई 2025
आज मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता एक ग्लोबल इवेंट बन चुका है, लेकिन इसकी शुरुआत 1951 में एक छोटे से कार्यक्रम से हुई थी। यह इवेंट पहली बार लंदन में “फेस्टिवल ऑफ ब्रिटेन” के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के बाद देश के पुनर्निर्माण के प्रयासों को बढ़ावा देना था। इस फेस्टिवल में अधिक भीड़ जुटाने के लिए एक एंटरटेनमेंट कंपनी के पब्लिसिटी डायरेक्टर ने ब्यूटी पेजेंट जोड़ने का सुझाव दिया, जिसे नाम दिया गया – फेस्टिवल बिकिनी कॉन्टेस्ट

उस समय बिकिनी एक नया फैशन ट्रेंड था और आयोजकों ने इसे प्रमोट करने के लिए प्रतियोगियों से टू-पीस पहनने को कहा। इस प्रतियोगिता की पहली विजेता बनीं स्वीडन की किकी हाकनसन, जो बिकिनी पहनकर स्टेज पर उतरी थीं। उन्हें न तो प्रतिभा परीक्षण से गुजरना पड़ा और न ही इंटेलिजेंस राउंड हुआ — केवल बिकिनी में कैटवॉक करना ही काफी था।

हालांकि, जल्द ही इस आयोजन को कई देशों से आलोचना झेलनी पड़ी। आयरलैंड और स्पेन जैसे देशों ने बिकिनी के खिलाफ आपत्ति जताई और प्रतियोगिता में भाग लेने से इनकार कर दिया। उनके अनुसार महिलाओं को केवल कपड़ों के आधार पर आंकना गलत था। विरोध के कारण आयोजकों को मजबूरन नियम बदलने पड़े और बिकिनी की जगह वन-पीस बाथिंग सूट लाया गया।

इसी बदलाव के बाद मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता ने एक नया मोड़ लिया। समय के साथ इसमें ब्यूटी के साथ-साथ इंटेलिजेंस, सोशल वर्क और कम्युनिकेशन स्किल्स को भी अहमियत दी जाने लगी। आज यह प्रतियोगिता महिलाओं को सशक्त बनाने और सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाने का एक वैश्विक मंच बन चुकी है।

गौरतलब है कि भारत से अब तक छह महिलाएं मिस वर्ल्ड का खिताब जीत चुकी हैं, और 2025 में हैदराबाद इस प्रतिष्ठित आयोजन की मेज़बानी कर रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button