अयोध्या, 30 अगस्त
भाजपा ने अयोध्या की महत्वपूर्ण मिल्कीपुर विधानसभा सीट के आगामी उपचुनाव के लिए ‘आरएसएस पृष्ठभूमि वाले नए’ उम्मीदवार की तलाश तेज कर दी है। यह चुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है, खासकर तब से जब मौजूदा सांसद लल्लू सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा के अवधेश प्रसाद से फैजाबाद सीट गंवा दी थी।
भाजपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी के वरिष्ठ नेता ऐसे उम्मीदवार की तलाश में हैं, जो न केवल दलितों और ओबीसी के बीच, बल्कि इस आरक्षित सीट पर ऊंची जातियों के बीच भी समर्थन हासिल कर सके। भाजपा प्रवक्ता रजनीश सिंह ने दावा किया कि एक ‘नया चेहरा’ पार्टी के पक्ष में काम करेगा। 2017 और 2022 के चुनावों में भाजपा ने पासी बाबा गोरखनाथ को मैदान में उतारा था। 2017 में जहां उन्होंने अवधेश को 26,000 वोटों के अंतर से हराया था, वहीं 2022 में वह प्रसाद से 13,000 वोटों के अंतर से हार गए थे।
सूत्रों ने कहा कि भाजपा पार्टी पदाधिकारी राधेश्याम “त्यागी” के नाम पर विचार कर रही है, जिनका आरएसएस से गहरा जुड़ाव है। इसके अलावा, भाजपा ने कई वरिष्ठ मंत्रियों को भी तैनात किया है, जिनमें भूमिहार सूर्य प्रताप शाही, ठाकुर मयंकेश्वर शरण सिंह, ओबीसी गिरीश यादव और ब्राह्मण सतीश चंद्र शर्मा शामिल हैं। ये मंत्री “तहसील दिवस” में भाग लेकर जनता से सीधे संवाद कर रहे हैं।
वहीं, सांसद अवधेश प्रसाद ने भी भाजपा के भगवा अभियान का मुकाबला करने के लिए अयोध्या के गांवों में अपना अभियान शुरू कर दिया है। वे आत्मविश्वास से दावा कर रहे हैं कि अगर उनकी पार्टी मिल्कीपुर उपचुनाव में हार जाती है तो वे राजनीति से “संन्यास” ले लेंगे। सूत्रों ने बताया कि सपा, अवधेश के बेटे अजीत, जो पासी समुदाय से हैं, को मैदान में उतारने की योजना बना रही है। वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने इस सीट से कोरी दलित रामगोपाल को मैदान में उतारने का फैसला किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कोरी समुदाय की इस क्षेत्र में अच्छी खासी संख्या है।