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बीएनएस के तहत पहली दफा कोर्ट ने सुनाई फांसी, भतीजी की हत्या में चाचा को मिला मृत्युदंड

कानपुर, 6 जून 2025:

यूपी के कानपुर जनपद में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने छह साल की भतीजी काव्या की हत्या में उसके चाचा को दोषी मानते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई है। देश मे बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) लागू होने के बाद यूपी में इसे पहला निर्णय बताया गया है।

दरअसल कानपुर जिले के रेउना थाना क्षेत्र में रहने वाले विनोद कुमार ने 23 जुलाई 2024 को एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें औरैया के दिबियापुर निवासी दीपू को नामजद किया गया था। विनोद का आरोप था कि दीपू उसकी बेटी पूजा का पति है। पारिवारिक विवाद में दीपू ने रात में सोते समय उसकी बेटी पूजा बेटे उमंग व आयुष के साथ अपने भाई महेंद्र की बेटी काव्या और पत्नी बीना पर बांके से हमला कर दिया था। इस हमले में कई लोग गम्भीर रूप से जख्मी हुए। वहीं छह साल की काव्या की मौत हो गई थी।

पुलिस की जांच में पता चला कि पूजा ने पति सुरेंद्र की मौत के बाद बहन के देवर दीपू से शादी कर ली थी। दीपू पहली शादी से हुई संतानों से नाराजा रहता था इसी बात को लेकर भाई महेंद्र से झगड़ा होता था। इसी खुन्नस में उसने हमला किया और मासूम को इसका खामियाजा जान देकर भुगतना पड़ा। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मजबूत पैरवी करते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सबूत और गवाहों के आधार पर दीपू को हत्या का दोषी माना। कोर्ट ने उसे हत्या में मृत्युदंड की सजा दी। वहीं दस लाख का जुर्माना लगाया।

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