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कोयंबटूर से दिल्ली तक : उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन की चार दशक लंबी राजनीतिक यात्रा

नई दिल्ली, 10 सितंबर 2025:

भारत को नया उपराष्ट्रपति मिल गया है। तमिलनाडु से आने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता सीपी राधाकृष्णन (चंद्रपुरम पोनुसामी राधाकृष्णन) ने मंगलवार को हुए चुनाव में जीत दर्ज कर ली। उनकी जीत के साथ ही एनडीए ने उपराष्ट्रपति चुनाव में भी सफलता हासिल की है।

चार दशक से अधिक का राजनीतिक अनुभव रखने वाले सीपी राधाकृष्णन लंबे समय से संगठन और संसदीय राजनीति में सक्रिय रहे हैं। वह दो बार कोयंबटूर से सांसद चुने गए और भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष भी रहे।

राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तिरुपुर (तमिलनाडु) में हुआ था। उनकी मां जानकी अम्मा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका रहीं। दिलचस्प बात यह है कि उनका नाम पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के नाम पर रखा गया था।

राजनीति में उनकी यात्रा 70 के दशक में आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में शुरू हुई। बाद में वह भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी में चुने गए और संगठनात्मक कामकाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सीपी राधाकृष्णन ने सांसद रहते हुए कपड़ा उद्योग, सार्वजनिक उपक्रम और वित्त से जुड़ी संसदीय समितियों में योगदान दिया। वह उस विशेष समिति के सदस्य भी रहे, जिसने स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच की थी।

हाल के वर्षों में उन्होंने झारखंड (2023-24) और महाराष्ट्र (2024-25) के राज्यपाल के रूप में काम किया। अपने कार्यकाल में उन्होंने नागरिकों के साथ सीधा संवाद कायम करने की पहल की और विकास की योजनाओं पर जोर दिया।

संगठनात्मक स्तर पर उन्होंने 93 दिनों की रथ यात्रा निकालकर नदियों के जोड़ने, आतंकवाद विरोध और अस्पृश्यता उन्मूलन जैसे मुद्दों को राष्ट्रीय विमर्श में लाने की कोशिश की थी। राजनीति से इतर वे कॉलेज के दिनों में टेबल टेनिस चैंपियन और धावक भी रहे।

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