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क्रिकेट से कुश्ती तक…काशी की बेटियां खेल के मैदान पर लिख रहीं नया इतिहास

काशी की बेटियां क्रिकेट, कुश्ती, एथलेटिक्स और हैंडबॉल जैसे खेलों में लगातार शानदार प्रदर्शन कर रही हैं। मैदान से लेकर मैट तक उनकी जीत ने यह साबित कर दिया है कि अब बनारस सिर्फ भजन-घाटों का नहीं, बल्कि बेटियों के sports power का भी शहर बन चुका है।

वाराणसी, 5 नवंबर 2025:

वाराणसी की धरती सिर्फ संस्कृति और अध्यात्म के लिए नहीं जानी जाती, बल्कि अब यह sports talent की नई पहचान बन रही है। चाहे क्रिकेट का मैदान हो, कुश्ती की अखाड़ा हो या एथलेटिक्स की ट्रैक-काशी की बेटियां अपने जोश, मेहनत और हुनर से हर जगह नाम रोशन कर रही हैं।

क्रिकेट के मैदान पर चमकीं भूमि, अनन्या और आराध्या

काशी की बेटी भूमि उमर ने क्रिकेट के मैदान पर इतिहास रच दिया है। महमूरगंज निवासी भूमि को उत्तराखंड की अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम की कप्तान बनाया गया है। भूमि न सिर्फ कप्तान बनी हैं, बल्कि अपने all-round performance से कई बार टीम को जीत दिला चुकी हैं। भूमि के परिवारवाले इस वक्त देहरादून में रहते हैं, लेकिन उनकी जड़ें वाराणसी से जुड़ी हैं। कोच सीमांत सिंह बताते हैं — “भूमि में लीडरशिप क्वालिटी और फाइटिंग स्पिरिट गजब की है। वह कभी हार नहीं मानती।”

वहीं, वाराणसी की दो और बेटियां अनन्या उपाध्याय और आराध्या यादव ने भी कमाल कर दिया है। अनन्या यूपी की Under-15 Girls Cricket Team में जगह बना चुकी हैं। उन्होंने मुंबई के खिलाफ 29 नाबाद रन, राजस्थान के खिलाफ 48 रन और गोवा के खिलाफ शानदार प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया। आराध्या ने भी अपने consistent performance से कोचों और सिलेक्टर्स को प्रभावित किया है।

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Kashi’s Daughters Making History

कुश्ती में भी वाराणसी की बेटियां कम नहीं

खेल विभाग और यूपी कुश्ती संघ की ओर से मथुरा में सीनियर महिला स्टेट चैंपियनशिप का आयोजन होने जा रहा है। इसके लिए वाराणसी के 10 खिलाड़ियों का चयन हुआ है। ये सभी खिलाड़ी जिला स्तरीय मुकाबले जीतकर mandal level तक पहुंचे हैं।
इस लिस्ट में शामिल हैं :
नेहा पाल (50 किलो वर्ग), रेशमा यादव (53 किलो), सृष्टि यादव (55 किलो), खुशबू कुमारी (57 किलो), रितिका (59 किलो), अनन्या वर्मा (62 किलो), आराध्या यादव (65 किलो), वसुंधरा यादव (68 किलो), विजयलक्ष्मी मिश्रा (72 किलो) और लक्ष्मी गुप्ता (76 किलो)।

क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी विमला सिंह ने बताया, “इन खिलाड़ियों ने बेहद मेहनत की है। मथुरा की प्रतियोगिता में ये वाराणसी का नाम ऊंचा करेंगी।”

एथलेटिक्स में वाराणसी ने जीता ओवरऑल चैंपियनशिप

मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में हुई 69वीं प्रदेशीय विद्यालयीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में वाराणसी ने कमाल कर दिया। वाराणसी ने overall championship जीत ली — बालक अंडर-19 और बालिका अंडर-19 दोनों कैटेगरी में वाराणसी पहले स्थान पर रहा।

राम अनुज, वाराणसी के राइजिंग स्टार बनकर उभरे हैं। उन्होंने लंबी कूद, 100 मीटर दौड़ और 4×100 मीटर रिले — तीनों में गोल्ड मेडल जीतकर सभी का ध्यान खींचा। बालिका वर्ग में खुशी पटेल ने ट्रिपल जंप और 100 मीटर बाधा दौड़ में स्वर्ण जीता, जबकि काजल कुमारी ने लंबी कूद और 100 मीटर दौड़ दोनों में पहला स्थान हासिल किया।
मनीषा राय ने तो गजब कर दिया — उन्होंने 1500 मीटर और 4 किमी cross country race में स्वर्ण जीता, साथ ही 800 मीटर और 3000 मीटर दौड़ में रजत पदक हासिल किया। कोचों का कहना है कि “वाराणसी की बेटियां अब सिर्फ पढ़ाई में नहीं, बल्कि sports field में भी शहर का नाम रोशन कर रही हैं।”

टेबल टेनिस में भी दिखाया दम

परमानंदपुर स्थित बाबू आर.एन. सिंह इंडोर स्पोर्ट्स हॉल में हुई टेबल टेनिस लीग में काजल और वर्षा ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए दूसरे चक्र में प्रवेश कर लिया। काजल ने अपने शानदार forehand shots से संगीता को 11-8, 11-9 से हराया, वहीं वर्षा ने कोमल को 11-9, 11-9 से मात दी।

कलाई में मोच के बावजूद जीता रजत पदक

रमना निवासी अवध यादव ने National Grappling Wrestling Championship में अपनी grit और dedication से सबका दिल जीत लिया। 77 किलो वर्ग के फाइनल में कलाई में मोच आने के बावजूद अवध ने मुकाबला जारी रखा। हालांकि वे पांच अंकों से हार गए, लेकिन उनकी बहादुरी को देखकर सभी ने उन्हें real fighter कहा।

हैंडबॉल में वाराणसी की जीत

एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में हुई हैंडबॉल प्रतियोगिता में भी वाराणसी के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। अंडर-14 वर्ग में वाराणसी ने अयोध्या को 13-5 से हराया। अंडर-19 वर्ग में वाराणसी ने आगरा को 20-15 से मात दी। बालिका अंडर-19 वर्ग में भी वाराणसी ने अयोध्या को 10-1 से हराकर तीसरा स्थान हासिल किया।

खेलों में नई पहचान बना रहा है वाराणसी

वाराणसी की इन बेटियों और बेटों की सफलता इस बात का सबूत है कि अगर will power strong हो तो कोई मंजिल मुश्किल नहीं। जहां कभी काशी की पहचान सिर्फ अध्यात्म और ज्ञान से जुड़ी थी, वहीं अब sports spirit इसकी नई पहचान बन रही है।

आज भूमि, अनन्या, आराध्या, मनीषा, खुशी और काजल जैसी बेटियां आने वाली पीढ़ी के लिए role model बन चुकी हैं। उन्होंने दिखा दिया है कि काशी की बेटियां अब सिर्फ मंदिरों और घाटों तक सीमित नहीं — बल्कि मैदान में भी ‘महादेव’ की तरह हर चुनौती से लड़ना जानती हैं।

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