Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश के बहराइच में ‘गैंग्स ऑफ भेड़िए’ का आतंक

बहराइच, 4 सितम्बर, 2024

अंशुल मौर्या

उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले में अब तक 10 लोगों की जान लेने और 30 से ज्यादा लोगों को घायल करने वाले आदमखोर भेड़ियों से लोगों को बचाने के लिए जिले में ‘ऑपरेशन भेड़िया’ चलाया जा रहा है।

भेड़ियों के आतंक की वजह से उत्तर प्रदेश का बहराइच जिला सुर्खियों में बना हुआ है। इनके आतंक से लोगों को बचाने के लिए ज़िले में ‘ऑपरेशन भेड़िया’ शुरू किया गया है।

यही नहीं अब वन विभाग की टीम ने एकजुट होकर डोर टू डोर कैंपेन भी शुरू कर दिया है जिसमें वो बहराइच के लोगों को तरीके बता रहे हैं कि कैसे उन्हें भेड़ियों के आतंक से बचना चाहिए।

वन विभाग ने मंगलवार को एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए बताया कि जागरूकता अभियान के लिए तीन टीमें बनाई गई हैं। ये टीमें विभिन्न प्रचार माध्यमों का उपयोग करके ग्रामीणों को आवश्यक जानकारी प्रदान करेंगी। इसके अतिरिक्त, सूचना आदान-प्रदान के लिए प्रभागीय मुख्यालय में एक कमांड सेंटर भी स्थापित किया गया है। आम जनता भेड़ियों से संबंधित सूचना देने के लिए प्रभागीय वनाधिकारी और उप प्रभागीय वनाधिकारी के नामांकित नंबरों पर संपर्क कर सकती है। अभियान के तहत, क्षेत्र को तीन सेक्टरों में विभाजित किया गया है और 20 अलग-अलग बचाव तथा गश्ती टीमों को जिम्मेदारी दी गई है। इन टीमों को क्षेत्र में गश्त और ट्रैकिंग करने का कार्य सौंपा गया है। पूरे अभियान की निगरानी उत्तर प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष द्वारा की जा रही है।

महसी तहसील के औराही गांव में वन विभाग और पुलिस के अधिकारी घर-घर जाकर ग्रामीणों को जागरूक करते देखे गए। अधिकारियों ने ग्रामीणों से अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों को सुरक्षित रखें, उन्हें मच्छरदानी में सुलाएं या छतों पर सोने के लिए कहें। स्थानीय निवासी मोहम्मद रफीक ने बताया कि भेड़ियों के आतंक से लोग बहुत डरे हुए हैं। वन विभाग की टीमें घरों में सोने और रात में दरवाजे बंद रखने के लिए कह रही हैं।

अभी तक, वन विभाग और पुलिस ने चार भेड़ियों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। अब अभियान का ध्यान झुंड के बाकी सदस्यों को ट्रैक करने पर केंद्रित है। पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है, और वन अधिकारी भेड़ियों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। इस अभियान का उद्देश्य न केवल भेड़ियों से प्रभावित गांवों को सुरक्षित करना है, बल्कि स्थानीय लोगों को भी इस संकट से निपटने के लिए आवश्यक जानकारी और संसाधन प्रदान करना है।

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