
गाजीपुर, 20 मार्च 2025
यूपी के गाजीपुर जिला जेल में निजी नंबर से फोन कॉल कराने के मामले में सख्त कदम उठाए गए। जेल में गैरकानूनी कॉल की पुष्टि होने पर डीजी जेल ने जेलर राकेश कुमार वर्मा और डिप्टी जेलर सुखवती देवी को निलंबित कर दिया था। इसके बाद वीरेंद्र कुमार वर्मा को नया जेलर नियुक्त किया गया, लेकिन वह माफिया मुख्तार अंसारी और अन्य कैदियों को खास सुविधाएं देने के आरोपों में घिर गए। 48 घंटे के भीतर उनका तबादला रद्द कर दिया गया, और उनकी जगह लखनऊ जिला जेल से सुनील दत्त मिश्रा को गाजीपुर की जिम्मेदारी सौंपी गई।
वीरेंद्र कुमार वर्मा को 17 मार्च को गाजीपुर का जेलर नियुक्त किया गया था, लेकिन 19 मार्च को उनका तबादला आदेश रद्द कर दिया गया और उन्हें वाराणसी केंद्रीय कारागार भेज दिया गया। जेल में अवैध पीसीओ जैसी व्यवस्था चलाने के मामले में जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह को भी निलंबित किया गया और उनकी जगह मऊ के जेल अधीक्षक आनंद शुक्ला को जिम्मेदारी दी गई।
वीरेंद्र कुमार वर्मा को वापस बुलाने की वजह यह बताई जा रही है कि 2023 में बांदा जेल से प्रतिबंधित सामग्री मिलने के बाद उनका नाम सामने आया था। उस समय वह बांदा जेल के जेलर थे, और जांच में दोषी पाए जाने पर उन्हें निलंबित किया गया था। 15 महीने के निलंबन के बाद नवंबर 2024 में उनकी बहाली हुई और उन्हें वाराणसी केंद्रीय कारागार में तैनाती मिली थी।