
हरेंद्र दुबे
गोरखपुर, 23 फरवरी 2025:
गोरखपुर के घोष कंपनी चौराहे के पास नगर निगम की 47 डिस्मिल भूमि पर बनी तीन मंजिला मस्जिद को तोड़ने की तैयारी है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) का कहना है कि यह इमारत बिना मानचित्र स्वीकृत कराए बनाई गई, जो अवैध निर्माण की श्रेणी में आती है।
जीडीए ने 15 फरवरी को मस्जिद के मुतवल्ली शुऐब अहमद को नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर स्वयं मस्जिद को ध्वस्त करने का आदेश दिया है। ऐसा न करने पर प्राधिकरण इसे ध्वस्त करेगा और इसकी लागत शुऐब अहमद से वसूली जाएगी।
बिना नक्शा पास कराए निर्माण कराने का आरोप
जीडीए के अनुसार, पिछले साल क्षेत्रीय अवर अभियंता ने निरीक्षण के दौरान पाया कि मेवातीपुर निवासी शुऐब अहमद 60 वर्ग मीटर में भूतल और प्रथम तल का निर्माण करवा रहे थे, जबकि दूसरे तल की शटरिंग का काम चल रहा था। उस समय निर्माण स्थल पर कोई स्वीकृत मानचित्र नहीं दिखाया गया।
जीडीए ने पारित किया ध्वस्तीकरण का आदेश
इस पर 15 मई 2024 को पीठासीन अधिकारी ने मामले में वाद दर्ज करते हुए 30 मई तक अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया था, लेकिन पक्षकार नियत तिथि पर उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद 4 फरवरी और 15 फरवरी 2025 को भी सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई, लेकिन कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया गया। अंततः 15 फरवरी को जीडीए ने ध्वस्तीकरण का आदेश पारित कर दिया।
मस्जिद के इमाम का दावा
वहीं, मस्जिद के मुतवल्ली शुऐब अहमद ने जीडीए के आदेश के खिलाफ कमिश्नर कोर्ट में अपील की है। मस्जिद के इमाम मौलाना अब्दुल हामिद कासमी का कहना है कि यह मस्जिद नगर निगम द्वारा पूर्व में तोड़ी गई एक पुरानी मस्जिद की जगह पर बनी है, और उन्हें यह जमीन प्रशासन ने दी थी। उन्होंने दावा किया कि निर्माण के समय उन्हें नक्शा पास कराने की आवश्यकता नहीं बताई गई थी। मामला अब कोर्ट में पहुंच गया है और 25 फरवरी को सुनवाई होने की उम्मीद है। प्रशासनिक अधिकारी इस मुद्दे पर फिलहाल कैमरे पर बयान देने से बच रहे हैं।






