
नई दिल्ली, 6 जून 2025:
दिल्ली हाईकोर्ट ने कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) पीजी 2025 को लेकर छात्रों को बड़ी राहत दी है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने परीक्षा में पूछे गए तीन में से दो सवालों को लेकर उठाई गई आपत्तियों को सही माना और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU) कंसोर्टियम को जल्द रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया।
छात्रों ने याचिकाएं दायर कर दावा किया था कि CLAT PG 2025 की फाइनल आंसर-की में कई त्रुटियां हैं, जिससे उनके अंक प्रभावित हो सकते हैं। मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने मामले की सुनवाई की और दो प्रश्नों को लेकर छात्रों की आपत्तियों को स्वीकार किया। तीसरे प्रश्न पर आपत्ति खारिज कर दी गई। कोर्ट ने आदेश दिया कि छात्रों को संशोधित आंसर-की के आधार पर अंक दिए जाएं।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने CLAT में एक प्रश्न को चुनौती देने के लिए ली जा रही ₹1000 की फीस पर भी सख्त टिप्पणी की। पीठ ने कहा कि छात्रों और संस्थान के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है। हालांकि NLU कंसोर्टियम ने तर्क दिया कि ज्यादा फीस का मकसद अनावश्यक आपत्तियों और कोचिंग संस्थानों की दखल को रोकना है, लेकिन कोर्ट ने सुझाव दिया कि भविष्य में इस पर पुनर्विचार किया जाए।
कोर्ट ने यह मामला रिटायर्ड जज जस्टिस जी. रघुराम की अध्यक्षता वाली कमेटी के पास भेजने और उनकी सिफारिशों के अनुसार आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
बता दें कि CLAT 2025 की परीक्षा 1 दिसंबर 2024 को आयोजित हुई थी। परीक्षा के तुरंत बाद छात्रों ने कई कोर्ट्स में याचिकाएं दायर की थीं। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 6 फरवरी 2025 को सभी याचिकाएं दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दी थीं। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब जल्द ही CLAT PG 2025 का परिणाम जारी होने की संभावना है।