
लखनऊ, 29 जून 2025:
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सरकारी आवास पर हाईलेवल मीटिंग कर भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के कार्यों की समीक्षा की।
इस दौरान उन्होंने अवैध खनन की रोकथाम के लिए ट्रांसपोर्टरों से तालमेल बैठाकर मजबूत निगरानी तंत्र बनाने को कहा। वही अफसरों को हिदायत दी कि नदियों के कैचमेंट इलाके में खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर छेड़छाड़ पाई गई तो जिम्मेदार अफसरों की जवाबदेही तय की जाएगी
यूपी की अर्थव्यवस्था में खनन क्षेत्र की अहम भूमिका
विभागों के आला अफसरों के साथ हुई बैठक में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की खनन नीति अब पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता का संगम बन चुकी है। उत्तर प्रदेश की एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में खनन क्षेत्र की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका है। यह क्षेत्र अब केवल खनिज उत्पादन का जरिया नहीं, बल्कि राज्य की आर्थिक प्रगति, निवेश संवर्धन और स्थानीय रोजगार सृजन का प्रभावशाली केंद्र बन गया है।
स्टेट माइनिंग रेडीनेस इंडेक्स में ए कैटेगरी लाने के प्रयास तेज करें
राज्य को स्टेट माइनिंग रेडीनेस इंडेक्स (SMRI) में शीर्ष रैंकिंग दिलाने के लिए विभाग द्वारा 70 से अधिक उप-संकेतकों पर ठोस कार्य किया गया है। राज्य के सभी खनन वाले जिलों में 100 प्रतिशत ‘माइन सर्विलांस सिस्टम’ लागू कर दिया गया है। पर्यावरणीय मंजूरियों की औसत अवधि में उल्लेखनीय सुधार आया है और नियामकीय प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बनी है। SMRI में ‘कैटेगरी-ए’ हासिल करने के लिए शेष सुधारों को तय समय सीमा में पूरा किया जाए।
खनिज परिवहन में जीपीएस से लैस वाहन शामिल करें
अवैध खनन, परिवहन और भण्डारण की गतिविधियों की प्रभावी रोकथाम के लिए ट्रांसपोर्टरों के साथ समन्वय बनाकर एक मजबूत निगरानी तंत्र स्थापित किया जाए। नदी के कैचमेंट एरिया में कहीं भी खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी और यदि ऐसी गतिविधियां सामने आती हैं तो जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी। केवल GPS से लैस वाहन ही खनिज परिवहन के लिए प्रयोग किए जाएं और उन्हें वीटीएस मॉड्यूल से रीयल टाइम ट्रैक किया जाए।






