अपनी लगन व मेहनत के बूते माधवी ने बनाई विशिष्ट पहचान, जिले का बढ़ाया मान

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शिवओम दिक्षित

लखीमपुर खीरी, 1 जनवरी 2024:

यूपी के लखीमपुर की माधवी वाजपेयी ने दिव्यांगता को मात देते हुए समाज के सामने एक प्रेरणादाई मिसाल पेश की है। 20 अगस्त 2002 को जन्मी माधवी का दिव्यांगता के साथ जीवन शुरू हुआ था, लेकिन उनकी मां अंशु वाजपेयी ने इसे कभी बाधा नहीं बनने दिया। उन्होंने माधवी को पेंटिंग, नृत्य, कुकिंग, सिलाई, और चित्रकारी जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।

माधवी की कक्षा 1 से 8 तक की शिक्षा पी इंटीग्रेशन कैंप विकास भवन में हुई, जहां शिक्षकों ने उन्हें विशेष स्नेह दिया। यहां नृत्य के प्रति उनकी रुचि विकसित हुई, और धर्म-संस्कृति पर आधारित गीतों पर उनके नृत्य ने उन्हें पहचान दिलाई। मौजूदा पालिकाध्यक्षा डॉ. ईरा श्रीवास्तव ने उन्हें नृत्य में प्रथम स्वर्ण पदक से सम्मानित किया।

इसके अलावा, माधवी ने चित्रकारी, क्राफ्ट, और कुकिंग जैसे रचनात्मक क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय सफलता हासिल की। उनकी पेंटिंग को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया, और सिलाई में भी उन्होंने नगर क्षेत्र में विशेष पहचान बनाई। माधवी को पूर्व पालिकाध्यक्षा निरुपमा वाजपेयी ने भी सम्मानित किया।

हालांकि माधवी बोलने और सुनने में सक्षम नहीं हैं, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से यह साबित किया कि कोई भी व्यक्ति दिव्यांगता के बावजूद अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत से समाज में अपनी एक विशिष्ट जगह बना सकता है।

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