
नई दिल्ली, 19 जून 2025:
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते युद्ध के हालात के बीच भारत सरकार ने अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ चलाया। इस अभियान के तहत 110 भारतीय छात्रों को पहले आर्मेनिया और फिर कतर होते हुए गुरुवार सुबह दिल्ली लाया गया। दिल्ली पहुंचते ही छात्रों के चेहरों पर राहत और अपने देश लौटने की खुशी साफ नजर आई।
कश्मीर के रहने वाले एक छात्र ने बताया कि वह उर्मिया विश्वविद्यालय में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था और ईरान में हालात बेहद खतरनाक हो चुके थे। उसने कहा, “हमने मिसाइल और ड्रोन उड़ते देखे। हॉस्टल के ऊपर से मिसाइलें गुजरती थीं और खिड़कियां हिल जाती थीं। हर रात धमाकों की आवाजें सुनाई देती थीं। हम डरे हुए थे।”
एक अन्य छात्र अमान अजहर ने बताया, “मैं अपने परिवार से मिलकर बेहद खुश हूं। ईरान की स्थिति बहुत खराब है। युद्ध ने छोटे-छोटे बच्चों की जिंदगी को भी संकट में डाल दिया है। मानवता खतरे में है।” वहीं छात्रा मरियम रोज ने बताया कि भारतीय दूतावास ने यात्रा की पूरी व्यवस्था पहले से कर रखी थी, जिससे उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं हुई।
छात्र यासिर गफ्फार ने कहा, “मैंने मिसाइलें अपनी आंखों से देखीं। हालात सुधरने के बाद मैं ईरान लौटकर अपने अधूरे सपने पूरे करूंगा।”
छात्रों के माता-पिता ने भी भारत सरकार का आभार जताया। एक छात्र की मां ने कहा, “मेरी बेटी घर लौट आई है, मैं बहुत खुश हूं। सरकार ने बच्चों की सुरक्षा के लिए बेहतरीन काम किया।” एक अन्य छात्र के पिता ने बताया, “मेरा बेटा विशेष विमान से आर्मेनिया के रास्ते आ रहा है। मैं कोटा से उसे लेने दिल्ली आया हूं।”
अब जब युद्ध की आंच तेज हो रही है, ईरान में फंसे अन्य भारतीयों को भी जल्द निकालने की उम्मीद की जा रही है। सभी ने एक सुर में भारत सरकार और दूतावास की तत्परता की सराहना की।