नई दिल्ली | 19 मई 2025
भारतीय वायुसेना का स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर LCH ‘प्रचंड’ एक बार फिर चर्चा में है। इस बार वजह है चीन की बेचैनी। हाल ही में भारत सरकार ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 156 प्रचंड हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी है। इस बड़े ऑर्डर से चीन में हलचल मच गई है, क्योंकि यह हेलीकॉप्टर अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी शानदार प्रदर्शन करने की क्षमता रखता है।
LCH प्रचंड को मेक इन इंडिया पहल के तहत विकसित किया गया है और यह पूरी तरह से स्वदेशी डिजाइन पर आधारित है। इसकी पहली उड़ान 2010 में हुई थी, और अब भारतीय सेना और वायुसेना दोनों में इसका विस्तार हो रहा है। नए ऑर्डर के तहत यह हेलीकॉप्टर 2028 से 2033 के बीच सेना को सौंपे जाएंगे।
यह दो सीटों वाला हल्का अटैक हेलीकॉप्टर है, जो दो टर्बोशाफ्ट इंजन से संचालित होता है। इसमें नाइट विजन, डिजिटल सेंसर, ग्लास कॉकपिट और हेलमेट माउंटेड टारगेटिंग सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीकें शामिल हैं। यह 20 मिमी की तोप और मिसाइल, रॉकेट व बम जैसे हथियारों से लैस है।
हाल ही में चीनी सैन्य मीडिया ने दावा किया कि भारतीय LCH प्रचंड, चीन के Z-10 अटैक हेलीकॉप्टर के मुकाबले “कमजोर” है। हालांकि यह भी साफ है कि चीन भारतीय रक्षा खरीद पर नजर रखे हुए है और यह प्रतिक्रिया उसी चिंता का संकेत है।
LCH प्रचंड का डिज़ाइन इसे हिमालय की ऊंची चोटियों पर भी उड़ने लायक बनाता है, जिससे यह चीन और पाकिस्तान के साथ संवेदनशील सीमाई इलाकों में तैनाती के लिए उपयुक्त बन जाता है।
भारत के इस कदम से न केवल सैन्य ताकत बढ़ेगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को भी मजबूती मिलेगी। HAL द्वारा पूरी तरह से देश में विकसित यह हेलीकॉप्टर भारत की रणनीतिक ताकत का प्रतीक बनता जा रहा है, और चीन की प्रतिक्रिया इस बात की पुष्टि करती है कि प्रचंड ने सही जगह पर वार किया है।