
तेहरान, 28 जून 2025
ईरान और इज़राइल के बीच हाल में खत्म हुए 12 दिवसीय युद्ध के बाद अब अमेरिका और ईरान के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई पर हमला बोलते हुए दावा किया कि उन्होंने खामेनेई को “बदसूरत और अपमानजनक मौत” से बचाया। इस टिप्पणी के बाद ईरान ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे अस्वीकार्य और अपमानजनक बताया है।
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि अगर अमेरिका वास्तव में कोई समझौता चाहता है, तो ट्रंप को इस तरह की बयानबाज़ी बंद करनी होगी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि एक जिम्मेदार राजनेता की तरह व्यवहार करते हुए ट्रंप को खामेनेई के खिलाफ की गई टिप्पणी वापस लेनी चाहिए।
ट्रंप का यह बयान खामेनेई के उस भाषण के बाद आया जिसमें उन्होंने इज़राइल के खिलाफ ईरान की जीत का दावा किया था। खामेनेई ने इसे अमेरिका के मुंह पर “गंभीर तमाचा” करार दिया था। इसके बाद ट्रंप ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने अमेरिकी और इज़राइली सेना को खामेनेई की हत्या की इजाज़त नहीं दी, जबकि उन्हें पता था कि वह कहां छिपे हैं।
ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर इज़राइल ने अंतिम हमला कर दिया होता तो भारी तबाही मचती और हजारों ईरानियों की जान चली जाती। उन्होंने दावा किया कि ईरान के तीन परमाणु ठिकाने नष्ट किए जा चुके हैं और देश की सैन्य क्षमता को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
इस कड़े बयानों के बीच दोनों देशों के बीच तनाव और गहरा गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बयानबाज़ी इसी तरह चलती रही तो यह कूटनीतिक समाधान की राह में बड़ी बाधा बन सकती है।