
तेहरान/वॉशिंगटन, 1 जुलाई 2025
ईरान और अमेरिका के बीच तनाव एक बार फिर विस्फोटक मोड़ पर पहुंच गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के बीच जुबानी जंग अब युद्ध की धमक में बदलती दिख रही है। ट्रंप लगातार दावा कर रहे हैं कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” में पूरी तरह तबाह कर दिया गया है, जबकि खामेनेई इसे सफेद झूठ बता रहे हैं।
ईरान ने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका पर जानबूझकर युद्ध भड़काने का आरोप लगाया है और मुआवजे की मांग की है। इसके साथ ही उसने दावा किया है कि 400 किलो वॉरहेड वाली 6 मिसाइलों से अमेरिकी एयरबेस पर भारी तबाही मचाई गई।
डोनाल्ड ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान अब परमाणु बम नहीं बना सकता क्योंकि उसका न्यूक्लियर इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि “बंकर बस्टर” बमों ने फोर्दो जैसे गुप्त परमाणु ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया।
लेकिन ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने इन सभी दावों को झूठा करार दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका सिर्फ प्रचार कर रहा है, जबकि जमीन पर कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान यूरेनियम संवर्धन जारी रखेगा और किसी भी तरह का दबाव मंजूर नहीं है।
ईरान के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत आमिर सईद इरावानी ने कहा, “बिना शर्त आत्मसमर्पण बातचीत नहीं होती। अगर अमेरिका शर्तें थोपेगा, तो कोई समझौता नहीं होगा।” ईरान ने यूएन को पत्र लिखकर अमेरिका और इजराइल को युद्ध के लिए दोषी ठहराने और युद्ध में हुए नुकसान की भरपाई की मांग की है।
हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि अरब क्षेत्र में एक और युद्ध की आहट सुनाई दे रही है। अगर ईरान ने फिर से परमाणु संवर्धन शुरू किया, तो ट्रंप के अगले कदम का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं। दोनों देशों की जिद अरब को फिर जंग में धकेल सकती है।