तेहरान, 9 जून 2025 –
ईरान की एक गुप्त परमाणु परियोजना का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) की ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान ने चुपचाप इम्प्लोजन टेस्ट समेत ऐसे कई प्रयोग किए हैं जो सीधे तौर पर परमाणु बम निर्माण से जुड़े हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान ने कम से कम 9 बम बनाने लायक तकनीकी डिजाइन और योजनाएं तैयार की हैं और तीन गुप्त स्थानों पर रेडियोएक्टिव सामग्री जमा की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने वर्ष 2003 में दो बार इम्प्लोजन परीक्षण किए—पहला 15 फरवरी और दूसरा 3 जुलाई को। यह वही तकनीक है जिसका उपयोग परमाणु बम के कोर को विस्फोटित करने में किया जाता है। इसका कोई असैन्य प्रयोग नहीं होता। लैवीज़ान-शियान और मारिवान जैसी गुप्त साइटों पर न्यूट्रॉन डिटेक्टर और इम्प्लोजन सिस्टम लगाए गए और उनका परीक्षण भी किया गया।
IAEA ने वरामिन नामक स्थान पर यूरेनियम को गैस में बदलने के लिए UF6 सिलिंडर, हाइड्रोफ्लोरिक एसिड और रेडिएशन मापने वाले उपकरण मिलने की भी जानकारी दी है। ये सभी तत्व परमाणु हथियार निर्माण की प्रक्रिया में प्रयोग होते हैं। यहां की पांच कंटेनर सबसे ज़्यादा रेडियोधर्मी पाए गए, जिससे साफ होता है कि कुछ छुपाने की कोशिश की गई थी।
सबसे गंभीर बात यह है कि 2009 से 2018 के बीच परमाणु सामग्री को तुर्कुज़ाबाद नामक जगह में छुपाकर रखा गया और अब उसका कोई सुराग नहीं है। इसके अलावा, Jaber Ibn Hayan नाम की प्रयोगशाला से गायब हुआ यूरेनियम भी इसी परियोजना का हिस्सा माना जा रहा है।
IAEA का कहना है कि जांच के दौरान ईरान ने बार-बार भ्रामक और विरोधाभासी जानकारी दी। अब अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तक ले जाया जाना चाहिए। IAEA की इस रिपोर्ट ने अमेरिका-ईरान परमाणु वार्ता पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।