Uttar Pradesh

बांग्लादेश में हिंदू जेनोसाइड के खिलाफ काशीवासियों का विरोध प्रदर्शन

वाराणसी, 4 नवम्बर 2024:

बांग्लादेश में हिंदुओं पर जारी अत्याचार के विरोध में यूपी के वाराणसी में जोरदार प्रदर्शन करते हुए भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कड़ा रुख अपनाने की मांग की। मंगलवार को वाराणसी के 102 सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक संगठनों ने एक स्वर में बांग्लादेश में हो रहे हिंदू विरोधी हिंसक घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और इसे तत्काल रोकने की मांग की।

विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन

हिंदू रक्षा समिति, वाराणसी के नेतृत्व में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपने हेतु नदेसर स्थित स्वामी विवेकानंद प्रतिमा स्थल से रैली का आयोजन किया गया। यह प्रदर्शन मिंट हाउस तिराहा से होते हुए दूरदर्शन केंद्र, वरुणापुल, और कचहरी के रास्ते जिला मुख्यालय पहुंचा, जहां जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया।

अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग

अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार पर हिंदुओं के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान कार्यवाहक प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस के कार्यकाल में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा चरम पर पहुंच गई है। मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, बहन-बेटियों का शारीरिक और मानसिक शोषण हो रहा है। उन्होंने इस स्थिति को “हिंदू जेनोसाइड” की संज्ञा दी और कहा कि बांग्लादेश सरकार इस्कॉन के संत चिन्मय कृष्ण दास को रिहा करे।

दिव्यांगजनों की रही अहम भूमिका

विरोध प्रदर्शन में दिव्यांगजनों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। “धर्म की रक्षा हेतु संघर्ष जरूरी” जैसे नारों और तख्तियों के साथ उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। दिव्यांगजनों ने कहा कि हिंदू समाज के खिलाफ होने वाले अत्याचारों को सहन नहीं किया जाएगा।

प्रमुख हस्तियां और संगठन

कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रांत प्रचारक रमेश कुमार, वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी, डॉ. राकेश तिवारी, और 102 अन्य संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए। भारत विकास परिषद, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, सेवा भारती, वनवासी कल्याण आश्रम, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद समेत अन्य प्रमुख संगठनों ने इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
प्रदर्शन में भाग लेने वालों ने भारत सरकार से यह आह्वान किया कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए और वैश्विक स्तर पर इस मुद्दे को उठाकर अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त करे।

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