
जयपुर,24 नवंबर 2024
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, जो राजस्थान की राजनीति के प्रमुख चेहरों में से एक हैं, को इस बार दौसा उपचुनाव में भारी निराशा का सामना करना पड़ा। उनके भाई जगमोहन मीणा को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया, लेकिन वे मामूली अंतर से हार गए। डॉ. मीणा ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंकी, लेकिन जीत सुनिश्चित नहीं कर सके।
हार के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर भीतरघात और “जयचंदों” को हार का जिम्मेदार ठहराया। उनके मुताबिक, कुछ नेताओं की गद्दारी ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। वहीं, जगमोहन ने भी भीतरघात और बेईमानी का आरोप लगाया, साथ ही अपनी पार्टी के कुछ नेताओं पर सवाल उठाए।इस हार की बड़ी वजह टिकट वितरण को माना जा रहा है।
दौसा सीट सामान्य वर्ग की थी, जहां स्वर्ण वर्ग के नेता को टिकट देने की मांग थी। लेकिन भाजपा ने डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को संतुष्ट करने के लिए उनके भाई को टिकट दिया, जिससे स्वर्ण मतदाताओं में नाराजगी बढ़ी। चुनाव के दौरान ये मतदाता साइलेंट रहे और वोटिंग में उनकी निष्क्रियता ने भाजपा का गणित बिगाड़ दिया। प्रदेश भाजपा का ध्यान भी इस सीट पर अपेक्षाकृत कम था, और यह सब मिलकर भाजपा उम्मीदवार की हार का कारण बना।