लखनऊ, 22 नवंबर 2025:
राजधानी लखनऊ के अमौसी क्षेत्र स्थित टीएस मिश्रा लॉ स्कूल व टीएस मिश्रा यूनिवर्सिटी ने अपनी पहली मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया। इसके जरिये विधि छात्रों को व्यवहारिक शिक्षा, अनुभवात्मक अधिगम और मजबूत वकालत-कौशल विकसित करने का अवसर दिया गया।
प्रतियोगिता में प्रथम और द्वितीय वर्ष के विधि छात्रों ने भाग लिया। इस वर्ष की मूट प्रॉब्लम सुप्रीम कोर्ट के दिल्ली स्ट्रीट डॉग केस पर आधारित थी, जिसमें पशु-अधिकार, सार्वजनिक व्यवस्था, संवैधानिक जिम्मेदारियां और मानवीय प्रशासन से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न शामिल थे। इसमें छात्रों ने शोध, न्यायालयी अनुशासन और विश्लेषणात्मक क्षमता का प्रदर्शन किया।
प्रारंभिक और अर्ध-फ़ाइनल राउंड का मूल्यांकन जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल और डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ प्राध्यापकों ने किया। दो दिनों की प्रभावशाली बहसों के बाद तान्या मिश्रा, श्रेया केसरी और आनंदिता पांडे की टीम विजेता बनी। उपविजेता टीम में शंभवी बाजपेयी, माधवेंद्र विक्रम सिंह और अभिषेक कुमार शामिल रहे, जिन्होंने तर्क क्षमता और प्रभावी प्रस्तुति से निर्णायकों को प्रभावित किया।
बेस्ट रिसर्चर अवार्ड महिमा सिंह और अनिश्का यादव को संयुक्त रूप से दिया गया। बेस्ट स्पीकर का पुरस्कार माधवेंद्र विक्रम सिंह और तान्या मिश्रा को मिला, जबकि बेस्ट मेमोरियल अवार्ड पिंटू मेहताब और खुशी की टीम को प्रदान किया गया।
इस मौके पर डीन ने कहा मूट कोर्ट केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि एक ऐसा अनुभव है जो आत्मविश्वास, स्पष्ट सोच और नैतिक जिम्मेदारी को मजबूत बनाता है। न्यायालयीन वातावरण में तर्क प्रस्तुत करते हुए छात्र सिर्फ कानून ही नहीं, बल्कि न्याय, अनुशासन और सत्यनिष्ठा के मूल्यों को भी सीखते हैं। इसी तरह की गतिविधियाँ सशक्त और संवेदनशील कानूनविदों के निर्माण में सहायक होती हैं।
प्रतियोगिता का संचालन डॉ. शिप्रा मिश्रा, अन्नपूर्णा त्रिवेदी, प्रतीक त्रिपाठी और श्रद्दा शुक्ला ने किया।
फ़ाइनल राउंड का मूल्यांकन दीपायन मालवीय और डॉ. अभिषेक अवस्थी ने किया। चांसलर एस.सी. मिश्रा और प्रो-चांसलर कपिल मिश्रा ने लॉ स्कूल को इस उपलब्धि पर बधाई दी।






