
वाराणसी, 24 जून 2025
हिन्दू पंचांग के अनुसार, 25 जून को पड़ने वाली दर्श अमावस्या एक विशेष आध्यात्मिक तिथि है। इसे पितरों की कृपा पाने, जीवन की नकारात्मकता दूर करने और रुके कार्यों को गति देने का सर्वोत्तम अवसर माना गया है। धार्मिक मान्यताओं में इस दिन रात्रि को किया गया छोटा-सा उपाय भी बड़े लाभ दे सकता है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, दर्श अमावस्या की रात अगर कोई व्यक्ति पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाकर पितरों को स्मरण करता है, तो इससे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही, उनके आशीर्वाद से जीवन की अड़चनें भी दूर हो सकती हैं। विशेष रूप से यह उपाय उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो लंबे समय से समस्याओं, रुकावटों या विफलताओं से जूझ रहे हैं।
इस उपाय को करने के लिए सबसे पहले रात को स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें। फिर एक दीपक में सरसों का तेल भरें और उसमें थोड़े काले तिल डालें। अपने आस-पास स्थित किसी पीपल के पेड़ के पास जाएं और वहां साफ स्थान पर दीपक जलाएं। इस दौरान पितरों से क्षमा मांगें और उनसे मार्गदर्शन की प्रार्थना करें। अपनी समस्याएं उन्हें बताएं और समाधान हेतु सच्चे मन से आशीर्वाद माँगें।
परंपरा के अनुसार, दीपक जलाने के बाद पीपल की 7 या 11 बार परिक्रमा करना शुभ माना जाता है। यह साधना न केवल मानसिक शांति देती है बल्कि कई बार जीवन की उलझी गुत्थियों को भी सुलझा देती है। इसके साथ ही गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन, वस्त्र या तिल दान करने की भी मान्यता है।
इस रात शिवलिंग पर जल चढ़ाकर ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करने से भगवान शिव की कृपा भी प्राप्त होती है। ध्यान रहे, यह उपाय श्रद्धा और विश्वास से करें, तभी इसका पूर्ण लाभ मिल सकता है।
(Disclaimer: यह लेख धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है।)