लखनऊ, 21 दिसंबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ में शनिवार रात एंटी करप्शन टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पीजीआई थाने में तैनात दरोगा अमर प्रजापति को 13 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई के दौरान दरोगा ने भागने की कोशिश भी की लेकिन टीम ने उसे दौड़ाकर पकड़ लिया। इसके बाद एंटी करप्शन टीम उसे घसीटते हुए अपनी गाड़ी तक ले गई और फिर गोसाईगंज थाने पहुंचकर उसके खिलाफ केस दर्ज कराया।
जानकारी के मुताबिक अयोध्या के इनायत नगर निवासी शशांक कुमार की कार को लखनऊ के पीजीआई थाने की पुलिस ने सीज कर दिया था। कार छुड़ाने के लिए शशांक ने न्यायालय में अपील की थी। न्यायालय ने पीजीआई थाने से रिलीज रिपोर्ट तलब की जिसकी जांच वृंदावन कॉलोनी चौकी में तैनात दरोगा अमर प्रजापति
को सौंपी गई थी।
आरोप है कि दरोगा ने न्यायालय में रिपोर्ट भेजने के एवज में 13 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। बताया जा रहा है कि दरोगा अमर प्रजापति लगातार शशांक कुमार को परेशान कर रहा था। बार-बार रिश्वत देने का दबाव बना रहा था। परेशान होकर पीड़ित ने एंटी करप्शन विभाग से शिकायत कर दी। शिकायत की पुष्टि के बाद एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाया और दरोगा को पकड़ने की योजना बनाई।
योजना के तहत शशांक को केमिकल लगे नोटों की गड्डी दी गई और उसे वृंदावन चौकी भेजा गया। टीम चौकी के बाहर सिग्नल का इंतजार कर रही थी। इसी दौरान शशांक से दरोगा अमर बातचीत करते हुए चौकी के बाहर आया। जैसे ही शशांक ने उसे 13 हजार रुपये थमाए वैसे एंटी करप्शन टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे पकड़ लिया। टीम को देखकर दरोगा ने भागने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सका।
गिरफ्तारी के बाद दरोगा के हाथ पानी से भरे जग में धुलवाए गए जिसमें पानी का रंग लाल हो गया। इससे रिश्वत लेने की पुष्टि हुई। इसके बाद उसे हिरासत में लेकर गोसाईगंज थाना ले जाया गया जहां उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई।
दरोगा अमर प्रजापति मूल रूप से देवरिया जिले के रामपुर कारखाना का रहने वाला है। वह 2023 बैच का दरोगा बताया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच जारी है। गौरतलब है कि हाल के दिनों में लखनऊ में रिश्वतखोरी के मामलों में लगातार एंटी करप्शन की कार्रवाई सामने आ रही है। इससे पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं।






