लखनऊ, 2 मार्च 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज क्षेत्र से सपा सांसद आरके चौधरी के चुनाव को हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में चुनौती दी गई है। इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सांसद को 17 मार्च तक अंतिम रूप से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता ज्ञानी ने याचिका दायर कर चौधरी पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के उल्लंघन और कथित भ्रष्ट आचरण का आरोप लगाया है। याचिका में कहा गया है कि चुनाव प्रचार के दौरान चौधरी ने पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) गठजोड़ का मुद्दा उठाकर जाति, धर्म और समुदाय के आधार पर वोट मांगे।
न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की एकल पीठ इस मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को करेगी। इससे पहले, कोर्ट ने गत 24 सितंबर को चौधरी को नोटिस जारी किया था। सांसद के वकील ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था, जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने 14 फरवरी तक का समय दिया। इसके बावजूद जवाब दाखिल न होने पर अदालत ने अब 17 मार्च की अंतिम तारीख तय की है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने दलील दी कि समाजवादी पार्टी और उसके नेता चुनाव प्रचार में पीडीए की अवधारणा को प्रमुखता से पेश कर रहे थे, जिससे चुनाव प्रभावित हुआ। साथ ही, 12 मई 2024 को मोहनलालगंज में हुई एक रैली में चौधरी ने जाति और धर्म के आधार पर मतदाताों से समर्थन मांगा, जो चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन है।